चंडीगढ़: चारों ओर कोरोना का प्रकोप देखा जा सकता है. इस भयंकर बीमारी ने न केवल मानव शरीर को बल्कि लोगों के जीवन यापन के संसाधनों को भी प्रभावित कर दिया है. चंडीगढ़ की अगर बात करे तो यहां पर भी लॉकडाउन लागू हुए 15 दिन से ज्यादा का समय बीत चुका है, जिससे अपनी रोजी रोटी की तलाश में दूरदराज से आ कर ऑटो चलाने वालों के लिए कई तरह की चुनौती खड़ी हो गई है.
चंडीगढ़ में कई सालों से ऑटो रिक्शा चलाने वालों ने अपनी परेशानी बताते हुए कहा कि वो दूसरे राज्यों से चंडीगढ़ आए थे. सालों से वो चंडीगढ़ में ऑटो चला रहे हैं, लेकिन पहली बार उन्हें ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन की वजह से सवारियां नहीं मिल रही है. जिस वजह से उनका काम पूरी तरह से ठप पड़ा है.
इस दौरान कई ऑटो चालक ऐसे मिले जो किराये पर ऑटो चालते हैं. उन्होंने बताया कि वो रोज के ऑटो के मालिक को 300 रुपये देते हैं, लेकिन लॉकडाउन की वजह से सवारियां नहीं मिल रही है. ऐसे में वो ऑटो का किराया भी नहीं दे पा रहे हैं.
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अगर प्रशासन या किसी संस्थान की ओर से उन्हें खाना मिल जाता है तो वो खा लेते हैं, नहीं तो वो भूखे ही दुकानों के बाहर या फिर ऑटो में ही सोने को मजबूर हैं. ऑटो चालकों ने बताया कि घर पर उनका परिवार भी है. वो अपने घर पर भी रुपये नहीं भेज पा रहे हैं.
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बता दें इस समय हरियाणा में लगभग डेढ़ लाख के करीब ऑटो रिक्शा चालक हैं, तो वहीं हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में इन का आंकड़ा 10 हजार के पार है. लॉकडाउन की वजह इन सभी ऑटो चालक का काम ठप पड़ा है और ये सभी सिर्फ लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रहे हैं.