चंडीगढ़: सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नए शब्द 'आंदोलनजीवी' का जिक्र किया. माना जा रहा है कि पीएम मोदी का इशारा किसान आंदोलन से जुड़े लोगों पर था. पीएम मोदी के भाषण के बाद इस पर अलग-अलग प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.
चंडीगढ़ में पीएम मोदी के 'आंदलोनजीवी' शब्द के विरोध में ट्राइसिटी लॉयर्स एसोसिएशन की ओर से पैदल मार्च निकाला गया और कहा गया कि प्रधानमंत्री होने के नाते इस तरह के बयान पीएम मोगी को शोभा नहीं देते हैं. वो इस बयान की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं.
चंडीगढ़ में पैदल मार्च
पैदल मार्च में शामिल वकील सतबीर वालिया ने कहा कि संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान एक प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं बल्कि बीजेपी के लीडर के तौर पर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि जो किसान धरने पर बैठे हैं, प्रधानमंत्री ने उनके बारे में एक शब्द तक नहीं कहा बल्कि उन्हें आंदोलनजीवी और परजीवी कहा गया जो कि आंदोलनकारियों का अपमान है.
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उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में कहा कि एमएसपी था, है और रहेगा. ये ठीक वैसा ही जुमला है जैसा 15 लाख रुपये हर नागरिक के खाते में आने जैसा था.
क्या कहा था PM मोदी ने?
पीएम मोदी ने सांसद में कहा था कि ये जमात आप देखेंगे, वकीलों का आंदोलन है, वहां नजर आएंगे, स्टूडेंट्स का आंदोलन है, वो वहां नजर आएंगे, मजदूरों का आंदोलन है, वो वहां नजर आएंगे. कभी पर्दे के पीछे, कभी पर्दे के आगे. ये पूरी टोली है जो आंदोलनजीवी हैं, ये आंदोलन के बिना जी नहीं सकते हैं और आंदोलन से जीने के लिए रास्ते ढूंढते रहते हैं.