चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कोरोना महामारी को लेकर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है. सैलजा ने कहा कि हरियाणा सरकार पीएम रिलीफ फंड से हरियाणा को मिले वेंटिलेटर की संख्या को सामने लाना चाहिए. सैलजा ने पूछा कि कितने वेंटिलेटर प्रदेश में काम कर रहे हैं. इसके लिए कितने टेक्नीशियन लगे हैं और किस स्तिथी में चल रहे हैं इसकी जानकारी भी सामने लानी चाहिए.
ये भी पढ़ें- इस ब्लड ग्रुप के लोगों को कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा, डॉक्टर से जानिए इसके पीछे की वजह
सैलजा ने पूछा कि विदेशों से जो मदद भारत को मिल रही है, उसमें से कितना हिस्सा हरियाणा प्रदेश को मिला है. सैलजा ने कहा सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के बजाय झूठी घोषणाओं और दावों के पुलिंदे बांध रही है. संक्रमितों और मृतकों के आंकड़े छुपाए जा रहे हैं. हरियाणा प्रदेश के गांव कोरोना के गढ़ बन चुके हैं.
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी है. हरियाणा प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के हालात ये है कि मरीजों के परिजनों को खुद मरीजों की देखभाल करनी पड़ रही है. पिछले कई दिनों से फील्ड से जो रिपोर्ट मिल रही है. उसके अनुसार हरियाणा प्रदेश के गांवों में ज्यादातर ग्रामीण इस समय बुखार, खांसी और जुकाम की चपेट में हैं, ग्रामीण क्षेत्र में स्थिति बदतर हो चुकी है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि समाचार पत्रों में छिपी खबरों के अनुसार सिरसा जिले के मंडी कालांवाली और रोडी गांव में सरकारी आंकड़ों में 7-7 मौत हैं, लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक, बीते 10 दिन में ही 13 मौतें हो चुकी हैं. सिरसा जिले के गांव चौटाला में ग्रामीणों की मानें तो औसतन हर घर में एक कोरोना मरीज है. सरकारी आंकड़ें बेशक सब कुछ सामान्य होने का दावा कर रहे हों, पर श्मशान घाट हकीकत बयां कर रहा है, जहां 15 दिनों से रोज औसतन 2 शव जल रहे हैं.
ये भी पढ़ें- गुरुग्राम के एंबियंस मॉल में लगा ड्राइव थ्रू वैक्सीनेशन कैंप, वाहनों की लगी लंबी कतारें
सैलजा ने कहा कि रोहतक के टिटौली और हिसार के सिसाय गांव में 50-50 से ज्यादा लोग मर चुके हैं. इसी तरह पलवल जिले के गांव औरंगाबाद-मितरोल से भी पिछ्ले कुछ दिनों में ही 40 से ज्यादा मौतों की ख़बर आई हैं. हरियाणा प्रदेश के ज्यादातर गांवों में कमोबेश यही स्थिति है, परंतु इसके बावजूद हरियाणा सरकार द्वारा गांवों में व्यापक स्तर पर अभी तक टेस्टिंग के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं.
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में कोरोना से जुड़ी दवाइयां और ऑक्सीजन की जमकर कालाबाजारी हो रही है, इस समय हो रही कालाबाजारी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. प्रदेश में मरीजों को न तो समय पर ऑक्सीजन मिल पा रही है और न ही बेड मिल रहे हैं. वेंटीलेटर का तो भारी अभाव है, सरकार आंखों पर पट्टी बांधे हुए बैठी है. लोग अपने प्रियजनों को तड़प तड़प कर मरता हुआ देख रहे हैं. निजी अस्पताल मरीजों से मनमानी वसूली कर रहे हैं.
हरियाणा प्रदेश में हालात बेहद ही भयावह हैं. आज प्रदेश की जनता बेबस नजर आ रही है और सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है. कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में ही ब्लैक फंगस बीमारी के 40 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. पिछले एक सप्ताह से ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों की भी कालाबाजारी शुरू हो गई है. इस बीमारी के इलाज में इस्तेमाल होने वाला सवा दो हजार का इंजेक्शन छह हजार में बिक रहा है.
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में कोरोना महामारी लगातार बढ़ रही है और टीकाकरण अभियान बेहद धीमी गति से चल रहा है. एक तरफ जहां हरियाणा में कोरोना महामारी लगातार बढ़ रही है, वहीं सरकार की लापरवाही व नाकामियों के चलते उपलब्ध वैक्सीन की बर्बादी ने हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है. वैक्सीन की बर्बादी के मामले में हरियाणा का स्थान पूरे देश में प्रथम है, हरियाणा में 6.49 % वैक्सीन की डोज बर्बाद हो चुकी है.
ये भी पढ़ें- पानीपत में खुलेआम बिक रही शराब, शौकीनों ने इस तरह उड़ाई लॉकडाउन की धज्जियां
कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश के 3 जिलों में 45 फ़ीसदी और एक जिले में 40 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट है. वहीं 11 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 30 फ़ीसदी से ज्यादा है. इसके अलावा चार जिलों में यह 25 फ़ीसदी से ज्यादा और तीन जिलों में 10 फीसदी से ज्यादा है, यह आंकड़े हरियाणा प्रदेश में गंभीर हालातों को दर्शाते हैं. सरकार द्वारा पहले 90 प्रतिशत RT-PCR टेस्ट किए जा रहे थे, परंतु इन्हें घटाकर 70 प्रतिशत कर दिया गया है अब प्रदेश में 30 प्रतिशत रैपिड टेस्ट किए जा रहे हैं.