चंडीगढ़: हरियाणा कांग्रेस की अध्यक्ष कुमारी सैलजा लगातार सत्ता पक्ष पर हावी होती नजर आ रही है. कुमारी सैलजा प्रदेश की गठबंधन सरकार को घेरने का कोई भी मौके नहीं चूकती हैं. ऐसे में अब एक बार फिर कुमारी सैलजा ने प्रदेश सरकार पर किसानों को जानबूझकर यूरिया खाद मुहैया नहीं कराने के आरोप (Kumari Selja Statement urea fertilizer shortage) लगाए हैं. कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार के पास प्रदेश में बिजाई की गई फसल का पूरा रिकॉर्ड है, लेकिन उसके मुताबिक खाद का इंतजाम करने में पूरी तरह विफल रही है. सरकार की किसान विरोधी नीति के कारण आज कड़ाके की ठंड के बावजूद किसान लाइनों में लगने को मजबूर हैं.
कुमारी सैलजा ने हरियाणा की भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रदेश सरकार मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर किसानों से जबरन उनकी बोई गई फसलों की जानकारी भरवाती है. इस पर ब्यौरा न देने वालों की फसल को मंडियों में खरीदने से इंकार करती है लेकिन, इसी रिकॉर्ड के अनुसार खाद का इंतजाम न करके किसानों को प्रताड़ित कर रही है. कुमारी सैलजा ने कहा कि धान की कटाई के बाद जब किसानों को गेहूं की बिजाई के लिए खाद की जरूरत थी, तो भी उन्हें खाद की बजाय पुलिस की लाठियां मिली थी. इसके बाद से लगातार तीन महीने से अधिक समय बीतने के बावजूद उन्हें जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल (shortage of urea fertilizer in Haryana) रही है.
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अब बारिश के बाद गेहूं में यूरिया की जरूरत है और किसानों को आधार कार्ड दिखा-दिखा कर रुपये खर्चने के बावजूद अपना समय बर्बाद करना पड़ रहा है. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि इन सभी के पीछे सरकार का मकसद किसानों को आर्थिक तौर से कमजोर करना है. कुमारी सैलजा ने कहा कि जींद व हिसार जिले में लगातार लग रही किसानों की लाइनों से साफ है कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार को किसानों से कोई सरोकार नहीं है. वहीं कुमारी सैलजा ने प्रदेश सरकार पर केंद्र सरकार के इशारे पर किसान आंदोलन में परेशानी में डालने के आरोप भी लगाये हैं. उन्होंने कहा कि चाहे मंडियों में धान की खरीद देरी से शुरू करने का मामला हो या फिर खाद का इंतजाम करने में विफल रहने का या खराबे का मुआवजा न देने का, ये सभी सोची-समझी चाल का हिस्सा हैं.
कुमारी सैलजा ने कहा कि जब कृषि विभाग के पास किसानों की फसलों का पूरा ब्यौरा है, तो फिर खाद को समय से न मंगवाने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है. इन अधिकारियों ने सरकार के आदेशों को ही अमलीजामा पहनाया है, इसलिए अब इन्हें बचाया जा रहा है. अधिकारियों को साफ आदेश हैं कि वे किसानों को परेशान करने के अलग-अलग तरीके खोजें. कुमारी सैलजा ने प्रदेश सरकार से यूरिया की कमी को लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की.
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