चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने अगस्त महीने में हरियाणा सरकार की तरफ से अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की नॉन क्रीमीलेयर को दो भागों में बांटने के फैसले को रद्द कर दिया था. जिसके बाद अब इस मामले में हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा (Haryana Congress President Kumari Selja) ने सीएम मनोहर लाल को पत्र लिखा है. कुमारी सैलजा ने इस पत्र में सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए गए आदेश को तुरंत प्रभाव से लागू करने की मांग की है.
इस पत्र में कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार के इस फैसले से 2018 में पिछड़ा वर्ग के अनेक योग्य बच्चे मेडिकल और दूसरे अन्य संस्थानों में दाखिला लेने से वंचित रह गए थे. सरकार ने बीसी क्रीमीलेयर के लिए कुल आय में कर्मचारियों की वेतन आय तथा कृषि आय को शामिल कर दिया था. जिससे चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का बच्चा भी आरक्षण से वंचित हो गया था. कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार ने क्रीमीलेयर निर्धारण हेतु कुल आय सीमा 6 लाख को 0-3 लाख एवं 3-6 लाख में असंवैधानिक बंटवारा कर दिया था.
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कुमारी सैलजा ने बताया कि इस मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़ा वर्ग को उसका हक दिलवाते हुए सरकार की इस अधिसूचना को रद्द करते हुए नई अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए हैं. कुमारी सैलजा ने कहा कि पिछले तीन सालों से पिछड़ा वर्ग के योग्य बच्चों को आरक्षण लाभ नहीं मिल पा रहा है.
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी उसे लागू करने में जानबूझ कर देरी कर रही है. उन्होंने कहा कि वर्तमान सत्र की दाखिला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अगर कोर्ट के आदेश तुरंत प्रभाव से लागू नहीं किए गए तो इस साल भी छात्र आरक्षण के लाभ से वंचित रह जाएंगे.
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