चंडीगढ़: रविवार को करनाल के कैमला गांव में स्थिति काफी तनावपूर्ण रही. सीएम मनोहर लाल यहां किसान महापंचायत के लिए आने वाले थे. लेकिन किसानों के भारी विरोध के चलते कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा. इस पूरे घटनाक्रम पर अब हरियाणा में राजनीति भी तेज हो गई है.
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मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की किसान महापंचायत में किसानों को ही आने से रोका जा रहा है।@mlkhattar जी,
— Kumari Selja (@kumari_selja) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
महापंचायत में आप किसानों को कृषि कानूनों के फायदे समझाने वाले थे,तो किसानों को आने से क्यों रोका जा रहा है?
किसान ही महापंचायत के विरोध में तो महापंचायत में कौन लोग शामिल होंगे? pic.twitter.com/SPXg8EE79g
">मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की किसान महापंचायत में किसानों को ही आने से रोका जा रहा है।@mlkhattar जी,
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किसान ही महापंचायत के विरोध में तो महापंचायत में कौन लोग शामिल होंगे? pic.twitter.com/SPXg8EE79gमुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की किसान महापंचायत में किसानों को ही आने से रोका जा रहा है।@mlkhattar जी,
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महापंचायत में आप किसानों को कृषि कानूनों के फायदे समझाने वाले थे,तो किसानों को आने से क्यों रोका जा रहा है?
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सैलजा ने किसान महापंचायत पर खड़े किए सवाल
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर खट्टर सरकार को आड़े हाथों लिया है. कुमारी सैलजा ने ट्वीट कर लिखा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल जी की किसान महापंचायत में किसानों को ही आने से रोका जा रहा है. मनोहर लाल खट्टर जी महापंचायत में आप किसानों को कृषि कानूनों के फायदे समझाने वाले थे, किसानों को आने से क्यों रोका जा रहा है? सान ही महापंचायत के विरोध में तो महापंचायत में कौन लोग शामिल होंगे?
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खट्टर साहेब की तमाम कोशिशों के बावजूद कैमला में हालात ‘जवान बनाम किसान’ होने से बच गए।
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 10, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
इतिहास में पहला मौक़ा है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर CM का अपने निर्वाचन वाले ज़िले में इतना ज़ोरदार विरोध हुआ है।
जागने का समय है।
आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं।
जन भावनाओं को समझें।
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इतिहास में पहला मौक़ा है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर CM का अपने निर्वाचन वाले ज़िले में इतना ज़ोरदार विरोध हुआ है।
जागने का समय है।
आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं।
जन भावनाओं को समझें।खट्टर साहेब की तमाम कोशिशों के बावजूद कैमला में हालात ‘जवान बनाम किसान’ होने से बच गए।
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इतिहास में पहला मौक़ा है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर CM का अपने निर्वाचन वाले ज़िले में इतना ज़ोरदार विरोध हुआ है।
जागने का समय है।
आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं।
जन भावनाओं को समझें।
सुरजेवाला ने भी साधा निशाना
सुरजेवाला ने ट्वीट में लिखा कि क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब ! 'सरकारी' महापंचायत तो होकर रहेगी? ये अन्नदाता हैं. ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते. इन्हें डराइए नहीं. इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिये. तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए.
ये भी पढ़ें- सीएम की महापंचायत का महाविरोध, मंच उखड़ने के बाद कार्यक्रम रद्द
अगले ही ट्वीट में सुरजेवाला ने लिखा कि खट्टर साहेब की तमाम कोशिशों के बावजूद कैमला में हालात 'जवान बनाम किसान' होने से बच गए. इतिहास में पहला मौका है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर सीएम का अपने निर्वाचन वाले ज़िले में इतना ज़ोरदार विरोध हुआ है. जागने का समय है. आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं. जन भावनाओं को समझें.
किसानों का भारी विरोध, कार्यक्रम रद्द
गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत रैली में आना था. इससे पहले किसान संगठनों की तरफ से विरोध की चेतावनी के चलते प्रशासन की तरफ से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. यहां गढ़ी सुल्तान के पास पुलिस ने नाका लगा रखा था. यहां आगे बढ़ रहे किसानों को वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले के साथ रोका गया, लेकिन जब ये नहीं माने तो पुलिस ने लाठियां भी चलाईं. अंत में कार्यक्रम रद्द हुआ.