चंडीगढ़: कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात (Kuldeep Bishnoi meets cm Manohar Lal) की है. जिसकी एक तस्वीर कुलदीप बिश्नोई ने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट की है. इस तस्वीर में दोनों नेता हाथ मिलाते नजर आ रहे हैं. इस तस्वीर के बाद हरियाणा के सियासी गलियारों (Haryana Politics) में कुलदीप बिश्नोई को लेकर कई सवाल उठने लगे हैं. सवाल है कि क्या बिश्नोई कांग्रेस का हाथ छोड़ बीजेपी के साथ जाने वाले हैं ? ये सवाल क्यों उठ रहा है इसकी भी कई वजहें हैं.
पहले जानिये ट्वीट में क्या है- कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने अपने ट्विटर हैंडल से सीएम के साथ हाथ मिलाते हुए एक तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा है कि आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर चल रहे धरने एवं अन्य समस्याओं के निदान सहित राजनीतिक मुद्दों पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर जी से गुरुग्राम में विस्तृत सकारात्मक चर्चा हुई. मैं उनका आभारी हूं कि उन्होंने आदमपुर ग्राम पंचायत बहाली को लेकर मेरी बात मानते हुए मेरे सामने निर्देश दिए.
मुलाकात के मायने और टाइमिंग- पहली नजर में ये एक विधायक की मुख्यमंत्री से आम मुलाकात कही जाएगी लेकिन इस मुलाकात की टाइमिंग ने सियासी गलियारों में कई समीकरणों को जन्म दे दिया है. इस तस्वीर के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सियासी जानकार इस तस्वीर की टाइमिंग के अलावा तस्वीर में दोनों नेताओं की पॉजीटिव बॉडी लेग्वेंज को कुलदीप बिश्नोई के भविष्य से जोड़ रहे हैं.
अध्यक्ष बनने के अरमान था लेकिन...- पिछले महीने हरियाणा कांग्रेस में हुए बदलाव से पहले कुलदीप बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष की रेस में शामिल थे. उन्हें इस पद का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा था लेकिन आलाकमान ने पूर्व विधायक उदय भान को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंप दी और श्रुति चौधरी, राम किशन गुर्जर, जितेंद्र भारद्वाज और सुरेश गुप्ता के रूप में चार कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिए. कुलदीप बिश्नोई के अरमान धरे के धरे रह गए और सियासी जानकार इसकी वजह हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की लॉबिंग को मानते हैं. हुड्डा और बिश्नोई भले एक पार्टी में हों लेकिन वो एक-दूसरे के कितने साथ रहे हैं, ये किसी से छिपा नहीं है.
कांग्रेस से नाराज हैं बिश्नोई- ये बात तय है कि प्रदेश अध्यक्ष ना बनाए जाने से बिश्नोई पार्टी आलाकमान से नाराज हैं. बिश्नोई ने प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कई बार दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई और आला नेताओं से मुलाकात की लेकिन तवज्जो हुड्डा को दी गई. जिसके बाद बिश्नोई ने कहा था कि वो इसपर राहुल गांधी से जवाब मांगेगे. पार्टी आलाकमान से इस नाराजगी के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि बिश्नोई कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
बिश्नोई छोड़ेंगे 'हाथ' ? - कुलदीप बिश्नोई का कांग्रेस अध्यक्ष बनने का सपना चकनाचूर तो हुआ ही, उन्हें पार्टी ने ना कार्यकारी अध्यक्ष बनाया और ना कोई बड़ी जिम्मेदारी दी. वहीं इसे हुड्डा खेमे की जीत और बिश्नोई की हार भी कहा जा रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या बिश्नोई अब कांग्रेस में रहेंगे ? वो कांग्रेस जिसमें फिलहाल भूपेंद्र सिंह हुड्डा का वर्चस्व नजर आ रहा है. या फिर बिश्नोई आम आदमी पार्टी और बीजेपी के रूप में नया विकल्प तलाश लेंगे. इसलिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से बिश्नोई की मुलाकात से सियासी हलचल बढ़ गई है. कुलदीप बिश्नोई ने इसे लेकर भले कुछ ना कहा गया हो लेकिन सियासत में कई बातें सिर्फ समझी जाती हैं.
पहले भी छोड़ चुके हैं कांग्रेस- कुलदीप बिश्नोई हरियाणा के तीन बार मुख्यमंत्री रहे भजन लाल के बेटे हैं. अगर बिश्नोई कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ते हैं तो ऐसा पहली बार नहीं होगा. इससे पहले भी साल 2006 बिश्नोई कांग्रेस छोड़ हरियाणा जनहित कांग्रेस बना चुके हैं. इस दौरान उनकी पार्टी का हरियाणा में बीजेपी के साथ गठबंधन भी रहा और फिर साल 2016 में अपनी पार्टी का विलय कांग्रेस में कर लिया था. कुलदीप बिश्नोई मौजूदा वक्त में हरियाणा के सिरसा जिले की आदमपुर सीट से विधायक हैं. वो हिसार लोकसभा सीट से सांसद भी रह चुके हैं लेकिन 2014 में इनेलो के दुष्यंत चौटाला से उन्हें हार मिली थी.
पहले भी कर चुके हैं सीएम मनोहर लाल की तारीफ- इस साल की शुरुआत में ही कुलदीप बिश्नोई ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की थी. कुलदीप बिश्नोई ने उस मुलाकात की तस्वीर भी ट्वीट की थी. फोटो शेयर करते हुए बिश्नोई ने लिखा था कि 'आज चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल खट्टर जी से उनके निवास पर मिले सम्मान का दिल से आभार. मेरे अनुरोध पर आदमपुर के बरसाती पानी निकासी व सीवरेज समस्या के पूर्ण समाधान के लिए करोड़ों रूपए के बजट को मंज़ूरी दे तुरंत कार्य शुरू करने के अफसरों को निर्देश भी दिए. मुख्यमंत्री जी का बहुत धन्यवाद"
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