चंडीगढ़: बजट सत्र के पहले दिन को लेकर कांग्रेस विधायक व पूर्व मंत्री किरण चौधरी ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि एपीएमसी पर कांग्रेस जो संशोधन लेकर आई थी. उसको बिना सुने रिजेक्ट कर दिया गया. इससे किसानों के प्रति बीजेपी की नीयत सबके सामने आ गई है.
किरण चौधरी ने कहा कि सरकार ने इस मामले को सबजूडिश बताकर खारिज कर दिया, जो गलत है. वहीं निजी क्षेत्र में 75 फीसदी रोजगार हरियाणा के युवाओं को देने पर भी किरण चौधरी ने हरियाणा सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में 75 फीसदी रोजगार हरियाणा के युवाओं को देने की बात कही गई है, लेकिन सरकार श्वेत पत्र जारी करके बताए कि प्रदेश में कितना निवेश हुआ है.
किरण चौधरी ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए हरियाणा विधानसभा में मैंने प्रस्ताव दिया, जिसे भी खारिज कर दिया गया. किरण चौधरी ने कहा कि एसवाईएल के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए मैंने कॉलिंग अटेंशन मोशन डाला. इसको भी सरकार ने खारिज करके भेज दिया. उन्होंने कहा कि एसवाईएल पर बीजेपी किसानों को बांटने के लिए उपवास करती है, लेकिन सदन में इस पर चर्चा नहीं करवाई जा रही है.
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सूबे में निकल चुका है कानून व्यवस्था का दिवाला: किरण चौधरी
किरण चौधरी ने कहा कि आए दिन सूबे में लूट, हत्या, अपहरण, रेप जैसे मामले सामने आ रहे हैं. कई जगहों पर तो दुकानदार और व्यापारियों ने अपने लिए निजी गनमैन रख लिए हैं. जिससे ये पता चलता है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का दिवाला निकल गया है. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था पर मैने ध्यानाकर्षण का प्रस्ताव दिया. जिसे भी रिजेक्ट कर दिया गया. वहीं जहरीली शराब पर दिए मेरे प्रस्ताव को भी मंजूरी नहीं मिली है.
'परीक्षा पत्र लीक होने पर सरकार ने साध रखी है चुप्पी'
वहीं परीक्षाएं रद्द होने के मामलों में भी किरण चौधरी ने सरकार पर हमला बोला. किरण चौधरी ने कहा कि कर्मचारी चयन आयोग ने पीजीटी संस्कृत, टीजीटी इंग्लिश की भर्ती रद्द कर दी है. आयोग के चेयरमैन पर गंभीर आरोप लगए हुए हैं. इनके कार्यकाल में अब तक कई पेपर लीक हो चुके हैं, लेकिन सरकार गूंगी बहरी बनकर बैठी हुई है.
'पिछले छह साल में हरियाणा पर हो चुका है दो लाख करोड़ का कर्ज'
किरण चौधरी ने कहा कि महंगाई चरम पर है, वहीं बेरोजगारी दर में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है. प्रदेश पर पिछले छह साल में दो लाख करोड़ का कर्जा हो चुका है. कर्मचारियों की तनख्वाह समय पर नहीं आ रही है. जिसपर सरकार ना तो ध्यान दे रही है और ना ही चर्चा करना चाहती है. उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से दिए जो भी प्रस्ताव रद्द किया गया है. उसको भी वो सदन में उठाएंगी.
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