चंडीगढ़: नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल (Neeraj Chopra Gold Medal Tokyo Olympics) जीतकर इतिहास रच दिया है. नीरज ने शनिवार को भाला फेंक के फाइनल में 87.58 मीटर का थ्रो करके दुनिया के दिग्गज जैवलिन थ्रोअर को मात दी. जिसके बाद देशभर में जश्न मनाया जा रहा है. ये जश्न इंडियन आर्मी में भी मनाया गया. दरअसल नीरज ने साल 2011 में इंडियन आर्मी को ज्वाइन (Neeraj chopra join Indian Army) किया था.
नीरज इंडियन आर्मी में सूबेदार के पद पर तैनात हैं. इंडियन आर्मी में ही नीरज ने जेवलीन थ्रो की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. कर्नाटक के सैनिक काशीनाथ नाइक (Kashinath Naik Neeraj Coach) नीरज चोपड़ा के शुरूआती कोचों में से एक थे. उन्होंने इंडियन आर्मी में रहते हुए नीरज को ट्रेनिंग दी. कशीनाथ नाइक उस वक्त भारतीय सेना में सूबेदार के रैंक पर थे. तब उन्होंने नीरज को ट्रेनिंग दी थी.
काशीनाथ फिलहाल आर्मी स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट पूणे में कोच की भूमिका निभाग रहे हैं. वो उत्तर कन्नड डिस्ट्रिक्ट सिरसी गांव बेंगाले के रहने वाले हैं. वो 23 साल से इंडियन आर्मी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. साल 2010 में नई दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में वो भाला फेंक प्रतियोगिता में ब्रॉन्ज मेडल जीत चुके हैं.
नीरज चोपड़ा ने साल 2015 में काशीनाथ के साथ ट्रेनिंग शुरू की थी. उस वक्त उन्होंने भाला फेंक प्रतियोगिता में जूनियर वर्ल्ड रिकॉर्ड 86.48 मीटर का बनाया. अभी नीरज विदेशी कोचों से ट्रेनिंग ले रहे हैं. नीरज चोपड़ा की इस उपलब्धि पर काशीनाथ ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल जीतेगा. वो बहुत अच्छा एथलीट है. उन्होंने कहा कि नीरज गोल्ड गिफ्टिड टेलेंट है.