चंडीगढ़: राज्यसभा चुनाव (rajya sabha elections) के लिए नामांकन का आज आखिरी दिन है. हरियाणा में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं. बीजेपी और कांग्रेस ने सिर्फ एक-एक उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारा है. मंगलवार को बीजेपी की ओर से जहां पूर्व मंत्री कृष्ण लाल पंवार नामांकन किया वहीं कांग्रेस की ओर से अजय माकन नामांकन किया. इस बीच कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार (Kartikeya sharma rajya sabha nomination) के तौर पर नामांकन कर राज्यसभा चुनाव को रोमांचक बना दिया है. कार्तिकेय शर्मा के नामांकन पर जेजेपी के सात और तीन निर्दलीय विधायकों ने अनुमोदक को तौर पर हस्ताक्षर किए.
इस दौरान कार्तिकेय शर्मा के पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा भी मौजूद रहे. इस मौके पर कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि उन्हें JJP और निर्दलीय का समर्थन मिला है. उन्होंने कहा कि जीत के लिए जो आंकड़ा चाहिए वो उसको पाने के लिए काम करेंगे. इस मौके पर पूर्व मंत्री विनोद शर्मा ने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव कार्तिक शर्मा ही जीतेंगे. इसलिए वो चुनावी मैदान में उतरे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जिनको राज्यसभा उम्मीदवार बनाया है वो हरियाणा से नहीं है. कार्तिकेय हरियाणा के मुद्दों को राज्यसभा में उठाएंगे. उन्होंने कहा कि हम सभी विधायकों से मिलकर इस बारे में बात करेंगे.
अजय माकन का बिगड़ेगा खेल! मौजूदा गणित के मुताबिक बीजेपी को एक सीट मिलनी तय है. अगर दूसरी सीट के लिए कोई नामांकन नहीं भरा जाता तो अजय माकन का भी राज्यसभा पहुंचना तय था. लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में कार्तिकेय शर्मा के नामांकन के बाद अजय माकन का खेल बिगड़ सकता है. दरअसल कार्तिकेय शर्मा को 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी यानी जेजेपी का समर्थन है. निर्दलीय विधायकों का भी कार्तिकेय शर्मा को समर्थन मिल रहा है.
इसके साथ ही कुछ अन्य विधायक भी कार्तिकेय शर्मा को वोट कर सकते हैं. सूत्रों की मानें तो हो सकता है कांग्रेस के एक से दो विधायक भी कार्तिकेय शर्मा के पक्ष में वोट करें. इनेलो विधायक अभय चौटाला भी कार्तिकेय शर्मा को वोट कर सकते हैं. ऐसे में जो समीकरण बन रहे हैं वो सीधे-सीधे कांग्रेस और अजय माकन का खेल बिगड़ने की ओर इशारा कर रहे हैं.
कार्तिकेय शर्मा कौन हैं? (Who is Kartikeya Sharma) कार्तिकेय शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे और जेसिका लाल मर्डर केस के दोषी मनु शर्मा के भाई हैं. विनोद शर्मा करीब 4 दशक तक कांग्रेस के साथ रहे. कांग्रेस की बदौलत ही विधायक से लेकर राज्यसभा सदस्य और केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर तय किया. लेकिन जेसिका लाल मर्डर केस का असर उनकी सियासत पर भी पड़ा. पार्टी ने किनारा किया तो विनोद शर्मा ने हरियाणा जन चेतना पार्टी बना ली थी. अंबाला सिटी से विधायक रहे विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी शर्मा ने भी 2014 में विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गईं. कार्तिकेय शर्मा फिलहाल एक न्यूज़ चैनल के एमडी हैं.
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