चंडीगढ़: हरियाणा सरकार में मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली जूनियर महिला कोच ने अपने सस्पेंड होने के मुद्दे पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. पीड़िता ने कहा कि 8 महीने हो चुके हैं, लेकिन अभी तक चंडीगढ़ पुलिस ने मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दायर नहीं की है. अपने सस्पेंड ऑर्डर पर जूनियर महिला कोच ने कहा कि मैंने अपने कार्यालय में हमेशा ईमानदारी से काम किया है. मुझे बिना कुछ बताए सस्पेंड कर दिया गया.
पीड़िता ने कहा कि मुझे बिना किसी कारण के सस्पेंड किया गया. बस टेक्निकल रीजन दिया जा रहा है. पीड़िता ने कहा कि मैं 10 अगस्त को सीएम से मिलने हरियाणा निवास गई थी. ये कहा जा रहा है कि मैंने सीएम को अपशब्द कहे हैं. हालांकि मैंने ऐसा नहीं किया. पीड़िता ने कहा कि मैं सीएम से पब्लिकली मिलना चाहती हूं, अकेले में नहीं. महिला कोच ने कहा कि मैं अपने निलंबन के खिलाफ अगले कुछ दिनों में हाई कोर्ट का रुख करूंगी.
महिला कोच ने कहा कि उनके ऊपर निरंतर मामले को वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है. जब उन्होंने मामले को वापस लेने और अपने बयानों से मुकरने से मना किया, तो उन्हें खेल विभाग द्वारा सस्पेंड करके सच बोलने और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने का तोहफा दिया गया. कोच ने कहा कि पहले मेरी ट्रेनिंग बंद की और अब सस्पेंड कर दिया, जो नियमों के विरुद्ध है. पीड़ित कोच ने कहा कि संदीप सिंह ने नार्को और ब्रेन मैपिंग टेस्ट करवाने से साफ इंकार कर दिया.
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महिला कोच ने कहा कि मुझे 8 महीने से मुझे टॉर्चर किया जा रहा है. कंप्लेन वापस लेने के लिए फोर्स किया जा रहा है. दूसरी ओर संदीप सिंह को झंडा फहराने के सम्मान दिया जा रहा है. महिला कोच ने कहा कि अधिकारी उस पर दबाव बना रहे हैं कि वो मुख्यमंत्री का नाम ना घसीटे. महिला कोच ने कहा कि सस्पेंड आदेशों में कोई संतोषजनक कारण नहीं दिया गया, बिना किसी वार्निंग के सस्पेंड कर दिया गया.