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अजय चौटाला की रिहाई पर बोले दिग्विजय चौटाला, 'फ्रीडम इज प्राइसलेस' - haryana news in hindi

गुरुवार को जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल से सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व सांसद अजय चौटाला सजा पूरी हो गई है. जिसके बाद जेजेपी में खुशी का माहौल है. ऐसे में जेजेपी के प्रदेश प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने पिता की रिहाई पर प्रतिक्रिया (Digvijay Chautala on Ajay Chautala release) देते हुए कहा कि 'फ्रीडम इज प्राइसलेस'.

Ajay Chautala sentence Completed
Ajay Chautala sentence Completed
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Published : Feb 10, 2022, 8:52 PM IST

चंडीगढ़: जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला की रिहाई(Ajay Chautala sentence Completed) के बाद पार्टी में खुशी का माहौल है. अजय चौटाला की रिहाई पर जेजेपी प्रदेश प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने भावुक होकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर (Digvijay Chautala on Ajay Chautala release) की. दिग्वजय सिंह चौटाला ने कहा कि 'फ्रीडम इज प्राइसलेस'. उन्होंने कहा कि यह सब जगजाहिर है कि एक षड्यंत्र के तहत विरोधियों द्वारा डॉ. अजय सिंह चौटाला को जेल भेजा गया. जिसके कारण हम सबको बड़ी मानसिक यातना झेलनी पड़ी, लेकिन पिता के संघर्ष ने हमें आगे बढ़ना सिखाया और हम कभी संघर्ष पथ पर पीछे नहीं हटे.

दिग्विजय चौटाला ने भावुक होकर कहा कि वह भूल नहीं सकते है कि जब उनके पिता जी से मिलने के लिए उन्हें जून-जुलाई की तपती धूप के अंदर तिहाड़ जेल के मुख्य द्वार से प्रवेश करके दो तीन किलोमीटर पैदल चलकर जेल नंबर-2 के मुलाकात कक्ष तक जाना होता था. साथ ही पिता से मुलाकात करके उनके मैले कपड़ों का ढेर अपने कंधे पर लेकर वापस आना होता था. उन्होंने कहा कि इस दौरान उनका मुलाकात कक्ष तक आने-जाने के बीच का समय बेहद कठिन होता था. क्योंकि जहां उन्हें एक तरफ बिना किसी गुनाह के सजा काट रहे अपने पिता के सामने कमजोर नहीं दिखना होता था, वहीं दूसरी ओर इन भावनाओं को काबू भी रखना बेहद मुश्किल होता था.

ये भी पढ़ें- पिता अजय चौटाला के रिहा होते ही डिप्टी सीएम बोले- 'बुरे सपने जैसे थे 9 साल, वेलकम होम पिता जी'

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि ऐसे नाजुक दौर में हमें दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन जेल के अंदर बैठे हमारे पिता का संघर्ष हर समय हमारे लिए प्रेरणादायक रहा. उन्होंने कहा कि हर मुलाकात के बाद उनकी कही एक-एक बात, उनकी दी गई एक-एक सीख हमारे कानों में गूंजती रहती थी. ऐसे में जब राजनीतिक ही नहीं बल्कि पारिवारिक चुनौतियों का भी हमें सामना करना पड़ा, तो पिता जी की कही वहीं बातें, उनकी सीख और कार्यकर्ताओं का प्यार हमारी ताकत बनी.

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इस करीब 9 साल के लंबे समय के दौरान एक-एक दिन गिनकर आज के दिन का इंतजार करते थे और वो सुखद पल आज आ गया. उन्होंने कहा कि आज हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है, लेकिन बीते दिनों की पीड़ा को हम कभी भूल नहीं पाएंगे. दिग्विजय ने कहा कि बिना किसी दोष के उनके पिता, परिवार, समर्थकों ने बड़ा कष्ट तो झेल लिया, लेकिन हम भगवान से यही प्रार्थना करते है कि हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों को भी कभी ऐसे दिन न देखने पड़े. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का न्याय सबसे बड़ा होता है और जनता ने षड्यंत्र रचने वालों के साथ हर चुनाव में इसका न्याय किया.

ये भी पढ़ें- अजय चौटाला की सजा पूरी, तिहाड़ में कागजी कार्रवाई के बाद दिल्ली निवास पहुंचे

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चंडीगढ़: जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अजय सिंह चौटाला की रिहाई(Ajay Chautala sentence Completed) के बाद पार्टी में खुशी का माहौल है. अजय चौटाला की रिहाई पर जेजेपी प्रदेश प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने भावुक होकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर (Digvijay Chautala on Ajay Chautala release) की. दिग्वजय सिंह चौटाला ने कहा कि 'फ्रीडम इज प्राइसलेस'. उन्होंने कहा कि यह सब जगजाहिर है कि एक षड्यंत्र के तहत विरोधियों द्वारा डॉ. अजय सिंह चौटाला को जेल भेजा गया. जिसके कारण हम सबको बड़ी मानसिक यातना झेलनी पड़ी, लेकिन पिता के संघर्ष ने हमें आगे बढ़ना सिखाया और हम कभी संघर्ष पथ पर पीछे नहीं हटे.

दिग्विजय चौटाला ने भावुक होकर कहा कि वह भूल नहीं सकते है कि जब उनके पिता जी से मिलने के लिए उन्हें जून-जुलाई की तपती धूप के अंदर तिहाड़ जेल के मुख्य द्वार से प्रवेश करके दो तीन किलोमीटर पैदल चलकर जेल नंबर-2 के मुलाकात कक्ष तक जाना होता था. साथ ही पिता से मुलाकात करके उनके मैले कपड़ों का ढेर अपने कंधे पर लेकर वापस आना होता था. उन्होंने कहा कि इस दौरान उनका मुलाकात कक्ष तक आने-जाने के बीच का समय बेहद कठिन होता था. क्योंकि जहां उन्हें एक तरफ बिना किसी गुनाह के सजा काट रहे अपने पिता के सामने कमजोर नहीं दिखना होता था, वहीं दूसरी ओर इन भावनाओं को काबू भी रखना बेहद मुश्किल होता था.

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दिग्विजय चौटाला ने कहा कि ऐसे नाजुक दौर में हमें दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन जेल के अंदर बैठे हमारे पिता का संघर्ष हर समय हमारे लिए प्रेरणादायक रहा. उन्होंने कहा कि हर मुलाकात के बाद उनकी कही एक-एक बात, उनकी दी गई एक-एक सीख हमारे कानों में गूंजती रहती थी. ऐसे में जब राजनीतिक ही नहीं बल्कि पारिवारिक चुनौतियों का भी हमें सामना करना पड़ा, तो पिता जी की कही वहीं बातें, उनकी सीख और कार्यकर्ताओं का प्यार हमारी ताकत बनी.

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इस करीब 9 साल के लंबे समय के दौरान एक-एक दिन गिनकर आज के दिन का इंतजार करते थे और वो सुखद पल आज आ गया. उन्होंने कहा कि आज हमारी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है, लेकिन बीते दिनों की पीड़ा को हम कभी भूल नहीं पाएंगे. दिग्विजय ने कहा कि बिना किसी दोष के उनके पिता, परिवार, समर्थकों ने बड़ा कष्ट तो झेल लिया, लेकिन हम भगवान से यही प्रार्थना करते है कि हमारे खिलाफ षड्यंत्र रचने वालों को भी कभी ऐसे दिन न देखने पड़े. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का न्याय सबसे बड़ा होता है और जनता ने षड्यंत्र रचने वालों के साथ हर चुनाव में इसका न्याय किया.

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