चंडीगढ़: जननायक जनता पार्टी को स्थाई मान्यता मिल गई है. चुनाव आयोग की ओर से जेजेपी को मान्यता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है. जेजेपी को स्थाई मान्यता विधानसभा चुनाव में मिले अच्छे वोट प्रतिशत के आधार पर मिली है.
बता दें कि, चुनाव आयोग ने पार्टी को मान्यता देने के साथ ही पार्टी के स्थाई चुनाव निशान को भी मंजूरी दे दी है. इसका मतलब ये है कि जेजेपी का चुनाव चिन्ह चाबी ही रहेगा.
इस बार के विधानसभा चुनाव में जेजेपी ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 40, कांग्रेस को 31, जेजेपी को 10, इनेलो और हलोपा को 1-1 सीटें और निर्दलियों को 7 सीटें मिली थी. जहां इनेलो से अलग होकर बनी जेजेपी को पहली बार के विधानसभा चुनाव में 15 फीसदी वोट मिले तो वहीं दूसरी तरफ इनेलो सिर्फ एक सीट पर सिमट कर रह गई.
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जानिए कैसे बनी जननायक जनता पार्टी ?
- करीब 1 साल पहले अस्तित्व में आई जननायक जनता पार्टी को स्थाई मान्यता मिल गई है. अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला ने ये पार्टी इनेलो से अलग होकर बनाई थी.
- 17 अक्टूबर को गोहाना में इनेलो की ओर से जन सम्मान रैली का आयोजन किया गया था. इस दौरान अभय चौटाला के खिलाफ नारेबाजी के साथ दुष्यंत चौटाला के लिए सीएम आया-सीएम आया के नारे लगे थे. इसके बाद पहले कार्रवाई करते हुए इनसो को भंग कर दिया गया, बाद इनेलो के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष अशोक अरोड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला को इनेलो से निष्कासित कर दिया गया है.
- अशोक अरोड़ा ने बताया कि अनुशासनहीनता के आधार पर अजय चौटाला को उनके पिता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी से निष्कासित कर दिया. साथ ही दुष्यंत चौटाला को भी पार्टी से बाहर कर दिया गया. इसके बाद नवंबर, 2018 में जींद में रैली के दौरान दुष्यंत चौटाला ने नई पार्टी का ऐलान किया.
- पार्टी का नाम जमनायक जनता पार्टी रखा गया, साथ ही चुनाव आयोग ने पार्टी को चुनाव चिन्ह खड़ाऊ दिए. जिसे बाद में चाबी कर दिया गया. अब जेजेपी बीजेपी के साथ गठबंधन कर प्रदेश में सरकार बनाए हुए है और जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम हैं.