चंडीगढ़: हरियाणा के कई शहरों में दीपावली पर पटाखे फोड़ने पर बैन लगाने के बावजूद (haryana air pollution after diwali) जमकर आतिशबाजी हुई है. जिस वजह से दीपावली के अगले दिन यानि शुक्रवार को राज्य के कई जिलों में प्रदूषण का स्तर खतरनाक लेवल पर पहुंच गया है. इनमें से ज्यादातर वही जिले हैं जहां पर पटाखे जलाने पर बैन लगाया गया था. कई शहरों में तो वायु प्रदूषण का स्तर गम्भीर और बेहद खराब लेवल तक पहुंच गया है. राज्य में प्रदूषण का सबसे खराब स्तर जींद में रहा है.
शुक्रवार को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने आंकड़े जारी किए हैं. जिसके अनुसार प्रदेश के 9 शहरों में वायु प्रदूषण गम्भीर स्तर पर पहुंच गया है. ये शहर हैं- भिवानी, बलभगढ़, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, जींद, मानेसर, पानीपत और रोहतक. इसी तरह बेहद खराब की स्थिति में 8 शहर शामिल हैं. बहादुरगढ़, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, कैथल, कुरुक्षेत्र, मेवात, नारनौल और सोनीपत में वायु प्रदूषण का स्तर बेहद खराब स्थिति में है. इसके साथ ही 5 शहरों में वायु प्रदूषण खराब स्तर पर रहा. ये शहर हैं- अंबाला, करनाल, पलवल, सिरसा और यमुनानगर.
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बता दें कि, इस बार हरियाणा के 14 जिलों में प्रदूषण के चलते पटाखे बैन किये गए थे. वहीं बाकी जिलों में पटाखे जलाने के लिए केवल दो घंटे का समय दिया गया था. बावजूद इसके राज्य में वायु प्रदूषण बढ़ गया है. राज्य के लोगों का कहना है कि सरकार ने बेशक इस बार प्रदूषण को देखकर पटाखे बैन करने की बात कही थी. साथ ही कुछ घंटों के लिए पटाखे जलाने की अनुमति थी, लेकिन फिर भी पूरी रात पटाखे जले. लोगों ने पटाखे जलाकर खूब प्रदूषण फैलाया.
भिवानी के जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. देवेंद्र शर्मा की मानें तो प्रदूषण से पूरे शहर में दिक्कत महसूस हो रही है. उन्होंने बताया कि प्रदूषण की वजह से सांस के रोगियों, टीबी के रोगियों को दिक्कत आ रही है. प्रदूषण से आंखों में भी जलन हो रही है.
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