चंडीगढ़: ओपी चौटाला जेबीटी भर्ती घोटाले (JBT Recruitment Scam) में सजा पूरी कर जेल से बाहर आ चुके हैं. ऐसे में अब इनेलो की ओर से कांग्रेस पर लगातार हमला बोला जा रहा है. हाल ही में इनेलो नेता अभय चौटाला (abhay chautala) की ओर से नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा (bhupinder singh hooda) पर जमकर निशाना साधा गया था. अभय चौटाला ने कहा था कि कांग्रेस ने षड्यंत्र रचकर ओपी चौटाला को जेल भेजा था. अब ओपी चौटाला की रिहाई के बाद हुड्डा का जेल जाना तय है.
वहीं अभय चौटाला के इस वार पर कांग्रेस की ओर से भी पलटवार किया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर दिए गए बयान पर कांग्रेस विधायकों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कांग्रेस विधायकों ने इनेलो से सात सवाल (congress seven question) पूछे हैं. कांग्रेस विधायक रघुवीर कादयान, विधायक गीता भुक्कल, विधायक आफताब अहमद, राव दान सिंह और विधायक भारत भूषण बतरा ने संयुक्त बयान कर अभय चौटाला से सात सवालों के जवाब मांगे हैं.
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कांग्रेस विधायकों ने कहा कि 10 साल के भूपेंद्र सिंह हुड्डा के शासन में ओपी चौटाला और उनके परिवार पर कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई. हालांकि चौटाला सरकार के खिलाफ कई तरह के भ्रष्टाचार के मामलों के आरोप थे. कांग्रेसी विधायकों ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कभी भी राजनीतिक दुर्भावना के चलते कोई कार्य नहीं किया.
कांग्रेस के अभय चौटाला से सवाल
- अभय चौटाला ये बताएं कि संजीव कुमार आईएएस कौन थे? उन्हें हरियाणा में डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन किसने लगाया था और कब लगाया था ?
- संजीव कुमार ने 5 जून, 2003 को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी. उन्होंने जेबीटी सलेक्शन की दो लिस्ट पेश की थी. अभय चौटाला ये बताएं कि इनमें से कौन सी पहली लिस्ट असली थी और कौन सी दूसरी लिस्ट नकली थी. जिसके आधार पर शिक्षा विभाग ने 3206 को सिलेक्शन लेटर जारी किया? अभय सिंह चौटाला बताएं कि हरियाणा में उस समय किसकी सरकार थी और उस समय शिक्षा मंत्री कौन थे ?
- अभय चौटाला बताने का कष्ट करें कि रजनी शेखरी सिब्बल आईएएस ने जुलाई 2000 से पहले जो असली लिस्ट को अलमारी के अंदर सील करके रखा था. वो लिस्ट कैसे बदली, किसने बदली और दूसरी सिलेक्शन लिस्ट उस अलमारी में कैसे पहुंची? उस समय हरियाणा में किसकी सरकार थी?
- 25 नवंबर 2003 को सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ के चीफ जस्टिस ने (संजीव कुमार बनाम हरियाणा सरकार और अन्य) संजीव कुमार (तत्कालीन आईएएस डायरेक्टर प्राइमरी एजुकेशन हरियाणा) की याचिका पर सीबीआई को ये जांच सौंपी. अदालत ने हरियाणा सरकार की हाजिरी में आदेश जारी किए. जिसमें बाद में ओपी चौटाला और अन्य पर मुकदमा चला. अभय चौटाला बताएं कि उस समय हरियाणा में किसकी सरकार थी और केंद्र में सरकार किसकी थी ?
- अभय सिंह चौटाला क्या बताएंगे कि सीबीआई ने जो जांच की वो किसके आदेश से की? अभय चौटाला जनता को बताएं कि क्या सुप्रीम कोर्ट ने उस जांच को सुपरवाइज किया? उस समय सीबीआई की सारी जांच सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में हुई या नहीं ?
- अभय चौटाला बताएं कि अगर ये कोई षड्यंत्र था तो सीबीआई के विशेष जज की रोहिणी कोर्ट में (16-1-2013) जब 10 साल की सजा का फैसला हुआ तो अगर केस ठीक नहीं था तो सुप्रीम कोर्ट तक ने सीबीआई जज के फैसले को बहाल क्यों रखा
- अभय चौटाला बताएं कि साल 1999 में जब 3206 जेबीटी टीचर्स की पोस्ट को एचएसएससी के दायरे से बाहर किया गया और जेबीटी की अपॉइंटमेंट एजुकेशन डिपार्टमेंट ने की. अभय चौटाला ये भी बताएं कि जिस लिस्ट से नियुक्तियां की गई उसे अदालत ने फर्जी लिस्ट माना कि नहीं? उस समय हरियाणा के शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री कौन थे और क्या वजह थी इस परिवर्तन की?
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कांग्रेसी विधायकों ने अभय चौटाला को सलाह देते हुए कहा कि जिनके घर शीशे के होते हैं वो उन्हें दूसरों पर पत्थर नहीं बरसाने चाहिए. अभय को जनता के बीच खड़े होकर झूठ बोलने की बजाए जनता के सामने सच बोलने की हिम्मत करनी चाहिए .
गौरतलब है कि हरियाणा में 20 साल पुराने जूनियर शिक्षक भर्ती घोटाले (JBT Recruitment Scam) में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) की सजा पूरी हो गई है. साल 1999-2000 के दौरान 3206 जूनियर बेसिक ट्रेंड (जेबीटी) शिक्षकों की भर्ती में घोटाले के इस मामले में ओपी चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और 53 अन्य आरोपियों को दिल्ली की कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी.