चंडीगढ़: टोहाना से जेजेपी के विधायक देवेंद्र बबली ने किसान आंदोलन के मुद्दे पर हरियाणा सरकार को जमकर घेरा. देवेंद्र बबली ने ईटीवी भारत हरियाणा से बातचीत में कहा कि किसान लंबे समय से धरने पर बैठे हैं. किसान देश का अन्नदाता है. उनकी मांगों पर हो सकता है कुछ राजनीतिक दल रोटियां सेक रहे हों. किसान भोला-भाला है. उसकी मजबूरी का फायदा नहीं उठना चाहिए और सरकार को चाहिए कि किसानों के मुद्दे को हल करके किसानों को घर भेजा जाए.
किसान आंदोलन पर जननायक जनता पार्टी के स्टैंड के सवाल पर देवेंद्र बबली ने कहा कि हमारी पार्टी की सत्ता में सहयोगी के रूप में काम कर रही है और सरकार के साथ खड़ी है. मगर किसान के मुद्दे को हल करवाना भी हमारी ड्यूटी बनती है.
अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूछे गए सवाल पर देवेंद्र बबली ने कहा कि उसके पीछे राजनीति हो रही है. 30 सदस्यों से अविश्वास प्रस्ताव कैसे आ सकता है? उन्होंने कहा कि उनमें भी पूरे सदस्यों के साइन नहीं हैं. उनमें भी मतभेद हो सकते हैं. दो धड़े हो सकते हैं. देवेंद्र बबली ने कहा कि हर पार्टी में अलग मत हो सकते हैं. हमारी पार्टी में भी अलग मत हो सकते हैं. बीजेपी में भी अलग मत हो सकते हैं. हर व्यक्ति अपनी सुविधा के अनुसार राजनीति करता है. मगर देवेंद्र बबली लोगों के लिए राजनीति करते हैं. जब तक हो पाएगा करेंगे, नहीं तो छोड़ देंगे.
ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन में अब तक 68 लोगों की मौत, हरियाणा सरकार ने सदन में दी जानकारी
देवेंद्र बबली ने सदन में अपने हलके में घोषणाएं धीमी गति से होने का मुद्दा भी उठाया था. इस सवाल पर देवेंद्र बबली ने कहा कि कोविड-19 के चलते पूरे देश में विकास कार्यों में देरी हुई. लेकिन अब जब सबकुछ सामान्य हो रहा है तो विकास कार्यों में भी तेजी आनी चाहिए. इसलिए उन्होंने सदन में मुख्यमंत्री की तरफ से की गई घोषणाओं को उठाया था. उन्होंने कहा उनके हलके में बेहद धीमी गति से घोषणाओं पर काम चल रहा है और घोषणाएं लंबित पड़ी है. उन्होंने कहा कि टोहाना हलके के लोग सोचते हैं कि घोषणाओं को ठंडे बस्ते में क्यों डाला गया है.