चंडीगढ़: हरियाणा सरकार की ओर से यमुनानगर में 27 से 29 जनवरी 2020 तक तीन दिवसीय 'अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव' का आयोजन किया जाएगा. इस महोत्सव में राज्य के साथ-साथ पूरे भारत से लोग शामिल होंगे. इसके अलावा, हरियाणा सरकार की ओर से दूसरे देशों के राजदूतों को भी निमंत्रण भेजा गया है.
'अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव' का आयोजन
महोत्सव को लेकर हरियाणा की कला एवं सांस्कृतिक मामले विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव धीरा खण्डेलवाल ने अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि 'अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव' का शुभारंभ समारोह 27 जनवरी को आदिबद्री में होगा. बैठक में बताया गया कि उद्घाटन की विस्तृत व्यवस्था, श्लोकों का हवन जाप, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाहन सुविधा, सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा, मेले परिसर की सफाई, सरस्वती कुंड की तैयारियां युद्धस्तर पर की जा रही हैं.
तीनों दिन होगी महाआरती
वहीं मेले में दिन और शाम के समय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे. तीनों दिन सरस्वती महाआरती भी की जाएगी
महोत्सव से पहले समीक्षा बैठक
धीरा खण्डेलवाल ने समीक्षा बैठक के दौरान बताया कि हरियाणा सरकार की ओर से 27 से 29 जनवरी 2020 तक तीन दिवसीय 'अंतर्राष्ट्रीय सरस्वती महोत्सव' का आयोजन किया जाएगा. बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि महोत्सव में सुरक्षा, सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए. महोत्सव को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए प्लास्टिक का कम से कम उपयोग किया जाए.
पिहोवा में लगेगा सरस्वती क्राफ्ट मेला
उन्होंने ये भी निर्देश दिए कि इस महोत्सव से संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री के लिए इको-फ्रेंडली सामग्री का ही उपयोग किया जाए. बैठक में ये भी बताया गया कि 27 से 29 जनवरी, 2020 तक कुरुक्षेत्र के पिहोवा में सरस्वती क्राफ्ट मेले का भी आयोजन किया जाएगा. मेले में पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, कृषि और किसान कल्याण विभाग, हरियाणा डेयरी विकास निगम, उत्कृष्टता केंद्र, कुरुक्षेत्र और सरस्वती नदी शोध संस्थान की ओर से एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा.
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इस बैठक में नेपाल की ओर से इन्द्रा थापा, डॉ. होमराजन, उत्तराखंड के मराठा लक्ष्मन, उत्तर प्रदेश के मराठा धीरेन्द्र, राजस्थान के घनश्याम होलकर, मध्यप्रदेश के मराठा अरूण साबले पाटिल, महाराष्ट्र से मराठा मिलिंद पाटिल, छत्तीसगढ़ से मराठा आनंद महाडीक, आंध्र प्रदेश से मराठा शंकर राव जाधव, कर्नाटक से मराठा यशवंत राव सूर्यवंशी, गोवा से राजाराम पाटिल और पंजाब से जगदीश हसबे मौजूद रहे.