चंडीगढ़: इंस्टेंट लोन ऐप के जरिए लोगों को ठगने वाले गिरोह के सदस्य को चंडीगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि इस रैकेट में कुछ भारतीय शामिल हैं तो कुछ विदेशी भी. चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक एक शख्स ने उनको सितंबर 2021 में साइबर क्राइम के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी. जिसमें शिकायतकर्ता ने बताया था कि इंस्टेंट लोन ऐप स्कैम में आम लोग छोटी राशि का लोन लेने के लिए लोन एप्लिकेशन इंस्टॉल करते हैं और इंस्टॉलेशन के दौरान ऐप लोकेशन, कॉन्टैक्ट्स और गैलरी की परमिशन लेती है.
परमिशन मिलते ही स्कैमर्स पीड़ित की गैलरी में उपलब्ध तस्वीर का इस्तेमाल कर लोगों को परेशान करते हैं. इसके बाद वो लोगों से मनचाहे रुपये ऐंठते हैं. चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक इनके जाल में फंसकर भारत में लगभग 60 लोगों ने आत्महत्या की है. लोग ऐसे मामलों में शिकायत दर्ज करने से भी हिचकिचाते हैं, क्योंकि स्कैमर्स ने उनके परिवार की तस्वीरों को मॉर्फ किया और उन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी जाती है. देशभर में इंस्टेंट लोन ऐप घोटाले में 33 आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. आज चंडीगढ़ में 34वां आरोपी गिरफ्तार हुआ है.
जांच के दौरान पता चला कि आरोपी इस मामले में चीनी सरगना के संपर्क में था और उसे नेपाल मार्ग से भागने में मदद की गई. गिरफ्तार हुए आरोपी की पहचान 41 साल के भरत कुमार के रूप में हुई है. जो दिल्ली का रहने वाला है. चंडीगढ़ पुलिस से पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वो 2006 से 2011 तक चीन में काम कर रहा था. उसके बाद वो भारत आया और साल 2016 में दिल्ली में चीनी नागरिकों के साथ साझेदारी में मोबाइल एसेसरीज का कारोबार शुरू किया. वो स्टार्क से साल 2022 में अपने चीनी दोस्त याओ के जरिए मिले थे.
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उन्होंने गुरुग्राम में अपने नाम पर एक फ्लैट किराए पर लिया और वहां स्टार्क के साथ रहने लगा. वो जानता था कि स्टार्क चीनी नागरिक है और उसके पास नेपाल का फर्जी पासपोर्ट है. उसके बाद उन्होंने एक शेल कंपनी Alpha Genetech Pvt. लिमिटेड बनाई. जो डिजिटल मार्केटिंग और ऑनलाइन डेटिंग एप्लिकेशन के लिए पंजीकृत है. भरत कुमार अपनी पत्नी के साथ इसका निदेशक बना. जून 2022 में उसने अपने साथियों के साथ मिलकर भारतीय रुपये को यूएसडीटी में बदलने के लिए काम किया. जब पुलिस को इसकी भनक लगी तो भारतीय पुलिस ने उन चीनी लोगों को गिरफ्तार करना शुरू किया, जो भारत में अवैध रूप से रह रहे थे और इंस्टेंट लोन ऐप स्कैम चला रहे थे. इसके बाद मामले का खुलासा होता चला गया.