चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही सियासी हलचल शुरू हो गई है. कुछ ही दिन पहले हुआ जेजेपी और बीएसपी का गठबंधन ज्यादा दिन नहीं टिक सका और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने गठबंधन तोड़ दिया.
'ये विपरीत विचारधाराओं का गठबंधन था'
गठबंधन के टूटते ही हरियाणा के सियासी दलों ने जेजेपी और बीएसपी पर निशाना साधना शुरू कर दिया. पहले बीजेपी फिर कांग्रेस और अब इनेलो ने भी जेजेपी-बीएसपी पर निशाना साधा है. इनेलो प्रदेश अध्यक्ष बीरबल दास डालिया ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बीएसपी और जेजेपी का गठबंधन विपरीत विचारधाराओं का गठबंधन था, जिसको टूटना ही था.
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डालिया ने कहा कि ये लोग स्वार्थ की राजनीति कर सत्ता में आने के लिए एक हुए थे, लेकिन समय से पहले ही इनमें मतभेद हो गए. वहीं इनेलो के साथ गठबंधन टूटने पर बीरबल दास ने कहा कि ये गठबंधन उन्होंने नहीं तोड़ा था बल्कि बसपा ने तोड़ा था.
गौरतलब है कि 6 सितंबर को मायावती ने घोषणा की है कि बसपा विधानसभा चुनाव में किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी और अपने बलबूते पर राज्य की सभी 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसी बीच कयास लगाए जा रहे थे कि जजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद बसपा और कांग्रेस का गठबंधन हो सकता है, लेकिन मायावती ने स्पष्ट कर दिया कि हाल फिलहाल वो कांग्रेस के साथ नहीं जा रही है.