ETV Bharat / state

हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे, जानें क्यों खास होता है ये दिन

भारत में 7 दिसंबर को हर साल आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे (armed forces flag day 2022) मनाया जाता है. ये खास दिन थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों के कल्याण के लिए मनाया जाता है.

indian armed forces flag day
indian armed forces flag day
author img

By

Published : Dec 7, 2022, 4:12 PM IST

चंडीगढ़: भारत में 7 दिसंबर को हर साल आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे (armed forces flag day 2022) मनाया जाता है. ये खास दिन थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों के कल्याण के लिए मनाया जाता है. इस दिन देश की सेना को सम्मानित किया जाता है. भारतीय सशस्त्र सेवा झंडा दिवस मनाने की शुरुआत आजादी के बाद से हुई. साल 1949 में पहली बार ये दिवस मनाया गया था.

भारत के लिए कई युद्ध लड़ चुके चंडीगढ़ के रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों ने इस दिन के पीछे की कहानी ईटीवी भारत के साथ साझा की. उन्होंने बताया कि इसका इतिहास बहुत ही रोमांचक है. प्रिंसेस सोफिया, जो महाराजा रणजीत सिंह की पोती थी. उन्होंने वर्ल्ड वॉर वन के दौरान वालंटियर के तौर पर सैनिकों की मदद की थी. वर्ल्ड वॉर के दौरान नौ लाख के करीब भारतीय सेना के सिपाही शामिल हुए थे.

हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे, जानें क्यों खास होता है ये दिन

जब युद्ध खत्म हुआ तो 11 नवंबर को उनकी ओर से एक कैंपेन शुरू किया गया. जहां से सिपाहियों को मदद पहुंचाई जा सके. ऐसे में फंड कलेक्शन कैंपेन शुरू किया गया. इस कैंपेन के जरिए आम लोगों को सेना के निशान के झंडे दिए जाते, ताकि वो इसके बदले डोनेशन दे सकें. ताकि शहीद हुए या युद्ध करने वाले सिपाहियों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा सके. ब्रिटिश एक्सरसाइज वेलफेयर सोसाइटी को ये अधिकार था कि वे फंड को बांट सकती थी.

ये उनके ऊपर होता था कि वो भारतीय सेना के सिपाहियों को इस फंड का कुछ हिस्सा दे पाती हैं कि नहीं, जोकि नहीं दिया जाता था. वहीं आजादी के बाद 1948 में ये फैसला किया गया 7 दिसंबर को भारत में आर्म्ड फोर्स फ्लैग डे मनाया जाने को फैसला लिया गया. जिसके तहत जंग के मैदान में सिपाहियों और शहीद परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाएगी और उन्हें सम्मानित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में भारत जोडो यात्रा को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस का मंथन

हर साल 7 दिसंबर को आम लोगों से एक तरह की डोनेशन ली जाती है. जो आर्म्ड फोर्सज फ्लैग डे (indian armed forces flag day) के तौर पर कलेक्ट की जाती है, ताकि सरहद पर और युद्ध के मैदान पर जिन सिपाहियों ने अपनी आहुति दी. उनको सम्मानित किया जा सके और उनको याद स्मारक तैयार की जा सके.

चंडीगढ़: भारत में 7 दिसंबर को हर साल आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे (armed forces flag day 2022) मनाया जाता है. ये खास दिन थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवानों के कल्याण के लिए मनाया जाता है. इस दिन देश की सेना को सम्मानित किया जाता है. भारतीय सशस्त्र सेवा झंडा दिवस मनाने की शुरुआत आजादी के बाद से हुई. साल 1949 में पहली बार ये दिवस मनाया गया था.

भारत के लिए कई युद्ध लड़ चुके चंडीगढ़ के रिटायर्ड ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह काहलों ने इस दिन के पीछे की कहानी ईटीवी भारत के साथ साझा की. उन्होंने बताया कि इसका इतिहास बहुत ही रोमांचक है. प्रिंसेस सोफिया, जो महाराजा रणजीत सिंह की पोती थी. उन्होंने वर्ल्ड वॉर वन के दौरान वालंटियर के तौर पर सैनिकों की मदद की थी. वर्ल्ड वॉर के दौरान नौ लाख के करीब भारतीय सेना के सिपाही शामिल हुए थे.

हर साल 7 दिसंबर को मनाया जाता है आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे, जानें क्यों खास होता है ये दिन

जब युद्ध खत्म हुआ तो 11 नवंबर को उनकी ओर से एक कैंपेन शुरू किया गया. जहां से सिपाहियों को मदद पहुंचाई जा सके. ऐसे में फंड कलेक्शन कैंपेन शुरू किया गया. इस कैंपेन के जरिए आम लोगों को सेना के निशान के झंडे दिए जाते, ताकि वो इसके बदले डोनेशन दे सकें. ताकि शहीद हुए या युद्ध करने वाले सिपाहियों को आर्थिक मदद पहुंचाई जा सके. ब्रिटिश एक्सरसाइज वेलफेयर सोसाइटी को ये अधिकार था कि वे फंड को बांट सकती थी.

ये उनके ऊपर होता था कि वो भारतीय सेना के सिपाहियों को इस फंड का कुछ हिस्सा दे पाती हैं कि नहीं, जोकि नहीं दिया जाता था. वहीं आजादी के बाद 1948 में ये फैसला किया गया 7 दिसंबर को भारत में आर्म्ड फोर्स फ्लैग डे मनाया जाने को फैसला लिया गया. जिसके तहत जंग के मैदान में सिपाहियों और शहीद परिवारों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाएगी और उन्हें सम्मानित किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- हरियाणा में भारत जोडो यात्रा को लेकर चंडीगढ़ में कांग्रेस का मंथन

हर साल 7 दिसंबर को आम लोगों से एक तरह की डोनेशन ली जाती है. जो आर्म्ड फोर्सज फ्लैग डे (indian armed forces flag day) के तौर पर कलेक्ट की जाती है, ताकि सरहद पर और युद्ध के मैदान पर जिन सिपाहियों ने अपनी आहुति दी. उनको सम्मानित किया जा सके और उनको याद स्मारक तैयार की जा सके.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.