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Cyber Crime in India: साइबर क्राइम में टॉप 10 देशों में भारत, एक्सपर्ट से जानें ठगी से बचने का उपाय

भारत में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे (Cyber Crime Case In India) हैं. साइबर अपराधियों द्वारा नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगा जा रहा है. जानकारी के अभाव में लोग इन ठगों की जालसाजी को समझ नहीं पाते और इनके जाल में फंसकर ठगी का शिकार हो जाते हैं. जाने-माने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राजेश राणा से जानें कैसे इन ठगों से बचा जा सकता है.

Cyber Crime Case Increase In India
साइबर क्राइम के मामले में टॉप 10 देशों में भारत, एक्सपर्ट से जानें क्या है ठगी बचने का उपाय
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Published : May 26, 2022, 4:05 PM IST

चंडीगढ़: भारत में साइबर क्राइम के मामले काफी तेजी से बढ़ ( India in top 10 countries case of cybercrime) रहे हैं. ये बात जाने-माने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राजेश राणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कही. राजेश राणा ने कहा कि अगर साल 2021 की बात करें तो 2021 में 14 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे. जबकि 2022 में फरवरी तक दो लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. यह आंकड़े काफी हैरान कर देने वाले हैं. देश में साइबर क्राइम बढ़ने की दर इतनी तेज है कि जहां साल 2018 तक साइबर क्राइम के मामले में भारत का दुनिया भर में स्थान 47वां था. वहीं अब भारत दसवें स्थान पर आ चुका है.

राजेश राणा ने बताया कि साइबर ठग लोगों से ठगी करने के लिए लगातार अपने तरीके बदलते रहते हैं. जब तक लोग पुराने तरीके को समझ पाते हैं तब तक साइबर क्रिमिनल्स अपने तरीके को बदल देते हैं जिससे लोगों को यह पता ही नहीं चलता कि वह किसी नए तरीके से भी ठगे जा सकते हैं. वर्क फ्रॉम होम की नौकरी देना नया तरीका है क्योंकि कोरोना काल मे बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई थी. ज्यादातर कंपनियां बचे हुए कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करवाने लगी हैं. जिन लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं वे लोग जल्द से जल्द जॉब हासिल करना चाहते हैं. यही लोग ठगी का शिकार भी हो रहे हैं. लोग बिना सोचे-समझे ऐसे लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे भी दे देते हैं. यही नहीं लोग अपनी बैंक की डिटेल्स भी दे देते हैं यही वजह है कि साइबर क्रिमिनल्स ऐसे लोगों को ठगने में कामयाब हो जाते हैं.

साइबर क्राइम के मामले में टॉप 10 देशों में भारत, एक्सपर्ट से जानें क्या है ठगी से बचने का उपाय
समझदारी से काम लें लोग- राणा ने कहा कि लोगों को समझदारी से काम लेना चाहिए. अगर किसी कंपनी की तरफ से आपको नौकरी का ऑफर आता है तो वह तभी आएगा जब आपने उस कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन दिया होगा. कंपनी आपको ईमेल भेजकर ऑफर देगी. उसी मेल में कंपनी की सारी डिटेल भी लिखी होंगी. ज्यादातर कंपनियां सैलरी अकाउंट के लिए आपके पुराने अकाउंट की डिटेल्स नहीं मांगती बल्कि कंपनियां सैलरी के लिए अपना खुद का नया अकाउंट खुलवाती हैं.

राजेश राणा ने कहा कि कोई भी कंपनी नौकरी देने के लिए पैसों की मांग नहीं करती बल्कि वह आपकी सैलरी बताती है. आप खुद भी कई तरीकों से कंपनी को वेरीफाई कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि साइबरक्रिमिनल प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खुलवाने क्रेडिट कार्ड बनवाने ऑनलाइन खाते खुलवाने के नाम पर भी धोखाधड़ी करते हैं क्योंकि वह इन बातों के जरिए लोगों से उनके बैंक खातों की डिटेल ले लेते हैं और उन्हें ठगी का शिकार बना देते हैं.

केंद्र सरकार बनाने जा रही नया कानून- केंद्र सरकार कई नए ऐसे कानून बनाने जा रही है जिससे इन मामलों में कमी आएगी जैसे अगर अपराधी की लोकेशन किसी दूसरे राज्य यह शहर में डिटेक्ट होती है तो वहीं की पुलिस को यह केस दिया जाएगा ताकि एक राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य में ना जाना पड़े. राजेश राणा ने कहा कि अगर लोग कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह साइबरक्रिमिनल्स के किसी भी झांसे में नहीं आएंगे.

ओटीपी शेयर करने से होते हैं 99 फीसदी अपराध- राणा ने कहा कि 99 फीसदी अपराध सिर्फ ओटीपी शेयर करने से होते हैं. लोग एक बात गांठ बांध लें कि वह अपने फोन में आया कोई भी ओटीपी किसी को नहीं देंगे ना ही किसी व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करेंगे. कई बार साइबर क्रिमिनल्स इनके माध्यम से कोई ऐसा ऐप व्यक्ति के मोबाइल में भेज देते हैं जिसे इंस्टॉल करने पर उस व्यक्ति की फोन की सारी जानकारी को साइबर अपराधी देख सकते हैं. इसके बाद वे आसानी से उस व्यक्ति के अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं. इसके अलावा वे किसी भी व्यक्ति को न तो पैसे दें और ना ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करें. अगर किसी को पैसे देने की नौबत आ जाए तो पहले उसके द्वारा बताई गई बातों को वेरीफाई करें कंपनी को वेरीफाई करें किसी पर आंख मूंद कर विश्वास ना करें. इन तरीकों को अपनाकर लोग काफी हद तक साइबर क्रिमिनल्स से बच सकते हैं

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चंडीगढ़: भारत में साइबर क्राइम के मामले काफी तेजी से बढ़ ( India in top 10 countries case of cybercrime) रहे हैं. ये बात जाने-माने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट राजेश राणा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कही. राजेश राणा ने कहा कि अगर साल 2021 की बात करें तो 2021 में 14 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे. जबकि 2022 में फरवरी तक दो लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. यह आंकड़े काफी हैरान कर देने वाले हैं. देश में साइबर क्राइम बढ़ने की दर इतनी तेज है कि जहां साल 2018 तक साइबर क्राइम के मामले में भारत का दुनिया भर में स्थान 47वां था. वहीं अब भारत दसवें स्थान पर आ चुका है.

राजेश राणा ने बताया कि साइबर ठग लोगों से ठगी करने के लिए लगातार अपने तरीके बदलते रहते हैं. जब तक लोग पुराने तरीके को समझ पाते हैं तब तक साइबर क्रिमिनल्स अपने तरीके को बदल देते हैं जिससे लोगों को यह पता ही नहीं चलता कि वह किसी नए तरीके से भी ठगे जा सकते हैं. वर्क फ्रॉम होम की नौकरी देना नया तरीका है क्योंकि कोरोना काल मे बहुत से लोगों की नौकरियां चली गई थी. ज्यादातर कंपनियां बचे हुए कर्मचारियों से वर्क फ्रॉम होम करवाने लगी हैं. जिन लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं वे लोग जल्द से जल्द जॉब हासिल करना चाहते हैं. यही लोग ठगी का शिकार भी हो रहे हैं. लोग बिना सोचे-समझे ऐसे लोगों को नौकरी लगवाने के नाम पर पैसे भी दे देते हैं. यही नहीं लोग अपनी बैंक की डिटेल्स भी दे देते हैं यही वजह है कि साइबर क्रिमिनल्स ऐसे लोगों को ठगने में कामयाब हो जाते हैं.

साइबर क्राइम के मामले में टॉप 10 देशों में भारत, एक्सपर्ट से जानें क्या है ठगी से बचने का उपाय
समझदारी से काम लें लोग- राणा ने कहा कि लोगों को समझदारी से काम लेना चाहिए. अगर किसी कंपनी की तरफ से आपको नौकरी का ऑफर आता है तो वह तभी आएगा जब आपने उस कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन दिया होगा. कंपनी आपको ईमेल भेजकर ऑफर देगी. उसी मेल में कंपनी की सारी डिटेल भी लिखी होंगी. ज्यादातर कंपनियां सैलरी अकाउंट के लिए आपके पुराने अकाउंट की डिटेल्स नहीं मांगती बल्कि कंपनियां सैलरी के लिए अपना खुद का नया अकाउंट खुलवाती हैं.

राजेश राणा ने कहा कि कोई भी कंपनी नौकरी देने के लिए पैसों की मांग नहीं करती बल्कि वह आपकी सैलरी बताती है. आप खुद भी कई तरीकों से कंपनी को वेरीफाई कर सकते हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि साइबरक्रिमिनल प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत खाता खुलवाने क्रेडिट कार्ड बनवाने ऑनलाइन खाते खुलवाने के नाम पर भी धोखाधड़ी करते हैं क्योंकि वह इन बातों के जरिए लोगों से उनके बैंक खातों की डिटेल ले लेते हैं और उन्हें ठगी का शिकार बना देते हैं.

केंद्र सरकार बनाने जा रही नया कानून- केंद्र सरकार कई नए ऐसे कानून बनाने जा रही है जिससे इन मामलों में कमी आएगी जैसे अगर अपराधी की लोकेशन किसी दूसरे राज्य यह शहर में डिटेक्ट होती है तो वहीं की पुलिस को यह केस दिया जाएगा ताकि एक राज्य की पुलिस को दूसरे राज्य में ना जाना पड़े. राजेश राणा ने कहा कि अगर लोग कुछ बातों का ध्यान रखें तो वह साइबरक्रिमिनल्स के किसी भी झांसे में नहीं आएंगे.

ओटीपी शेयर करने से होते हैं 99 फीसदी अपराध- राणा ने कहा कि 99 फीसदी अपराध सिर्फ ओटीपी शेयर करने से होते हैं. लोग एक बात गांठ बांध लें कि वह अपने फोन में आया कोई भी ओटीपी किसी को नहीं देंगे ना ही किसी व्यक्ति द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक करेंगे. कई बार साइबर क्रिमिनल्स इनके माध्यम से कोई ऐसा ऐप व्यक्ति के मोबाइल में भेज देते हैं जिसे इंस्टॉल करने पर उस व्यक्ति की फोन की सारी जानकारी को साइबर अपराधी देख सकते हैं. इसके बाद वे आसानी से उस व्यक्ति के अकाउंट से पैसे निकाल सकते हैं. इसके अलावा वे किसी भी व्यक्ति को न तो पैसे दें और ना ही ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करें. अगर किसी को पैसे देने की नौबत आ जाए तो पहले उसके द्वारा बताई गई बातों को वेरीफाई करें कंपनी को वेरीफाई करें किसी पर आंख मूंद कर विश्वास ना करें. इन तरीकों को अपनाकर लोग काफी हद तक साइबर क्रिमिनल्स से बच सकते हैं

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