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5 अगस्त: भारतीय इतिहास के स्वर्ण पन्नों में दर्ज है आज का दिन, जानिए अहम घटनाएं

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Published : Aug 5, 2021, 8:22 AM IST

भारतीय इतिहास के स्वर्ण पन्नों में आज का दिन दर्ज है. वहीं, मोदी सरकार के लिए भी 5 अगस्त की तारीख बेहद खास मानी जाती है. ऐसा इसलिए कि बीते दो सालों से लगातार इस दिन सरकार ने ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं. जानें कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं

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भारतीय इतिहास के स्वर्ण पन्नों में दर्ज है आज का दिन, जानिए महत्वपूर्ण घटनाएं

चंडीगढ़: तिथि, काल, ग्रह, गोचर, दिशा और काम भारत के सामाजिक ताने-बाने में रीति रिवाज का ऐसा आयाम है, जिसे जोड़े बिना कोई भी कार्य नहीं होता है. तारीखें उन कार्यों की गवाह होती हैं, जो इतिहास के पन्नों में दरख्त के रूप में अंकित रहती हैं. हालांकि, वैज्ञानिक युग में तारीखों को शुभ-अशुभ के पैमाने पर तौलने के किसी भी फार्मूले को माना नहीं जाता है. यह कहा तो जाता है लेकिन इस फार्मूले के बिना कोई चलता भी नहीं है. देश में चल रही नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए 5 अगस्त की तारीख बड़े निर्णयों के शुभ साबित हो रही है. यही वजह है कि मोदी सरकार 5 अगस्त को ऐसे कार्य कर रही है, जो बदलते भारत के इतिहास के पन्नों में अमिट लेख बन जाए. यह महज संयोग है या फिर सोच समझ कर लिया जा रहा निर्णय, यह अलग बात हो सकती है. साथ ही सियासत से अलग जाकर भी इसे देख जा सकता है लेकिन 5 अगस्त एक ऐसी तारीख जरूर बनता जा रहा है, जो भारत के लिए बड़ी लकीर खींच रहा है.

5 अगस्त को मंदिर का भूमि पूजन: 5 अगस्त 2020 भारत के इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली एक ऐसी तारीख है, जो 500 साल से ज्यादा समय से चले आ रहे विवाद के अंतिम पन्ना था. आस्था की भावना और जमीन के विवाद में उलझे अयोध्या को लेकर देश ने दर्द और विभेद का बहुत बड़ा खामियाजा भुगत चुका है. देश की न्यायपालिका से आस्था को मिले आदेश के बाद, अब जन भावनाओं के उस उम्मीद को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जो हिन्दुस्तान की बड़ी आबादी के लिए उसकी आस्था की आजादी है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त को ही अयोध्या में बनने वाले मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होकर मंदिर निर्माण का कार्य शुभरंभ् कर आधारशिला रखी थी. 5 अगस्त की तारीख और पूजन का समय वैदिक विधि से निकाला गया है. लेकिन भाजपा के शुभ अंक 5 अगस्त को ही यह होगा. यह बड़े संयोग की बात कही जा सकती है क्योंकि भाजपा के लिए यह शुभ तारीख है.

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5 अगस्त 2019 को कश्मीर से खत्म हुई धारा 370: अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के सबसे विवादित मामले कश्मीर में लगी धारा 370 को खत्म करने का आदेश जारी किया. साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य की श्रेणी में रख दिया. देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को लेकर, जब भी बात होती थी तो अखंड भारत के मानचित्र में जम्मू कश्मीर एक ऐसा धब्बा बन जाता था, जो एक देश एक विधान और एक प्रधान के संवैधानिक हक को तोड़ देता था. भाजपा ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर देश को एक संविधान के सूत्र में बांध दिया. 5 अगस्त की तारीख इस कानून को हटाने को लिए क्यों रखी गई? यह भले ही महज संयोग की बात हो लेकिन पूरे देश में इस कानून को हटाए जाने के बाद, जिस तरह का जन समर्थन भाजपा को मिला, उससे 5 अगस्त भारत में आजादी की एक और तारीख बन गई. जो भाजपा के लिए काफी शुभ रहा है.

5 अगस्त को मुगलसराय स्टेशन का बदल गया नाम: तारीखों के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो 5 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश के चन्दौली जिले में स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन, जो एशिया का सबसे बड़ा यार्ड है. इसका नाम बदल कर पंडित दीन दयाल रेलवे स्टेशन किया गया. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिस पर केंद्र की सरकार ने 5 अगस्त को अपनी अनुमति की मुहर लगा दी. ऐसा नहीं है कि 5 अगस्त की तारीख को लेकर भाजपा हर कार्य सोच समझ कर रही है. यह सच हो लेकिन 5 अगस्त को ही बड़े कार्य हो रहे हैं. इसलिए ऐसा सोचा जाने लगा है.

ये भी पढ़ें- सावन का पहला प्रदोष व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

चंडीगढ़: तिथि, काल, ग्रह, गोचर, दिशा और काम भारत के सामाजिक ताने-बाने में रीति रिवाज का ऐसा आयाम है, जिसे जोड़े बिना कोई भी कार्य नहीं होता है. तारीखें उन कार्यों की गवाह होती हैं, जो इतिहास के पन्नों में दरख्त के रूप में अंकित रहती हैं. हालांकि, वैज्ञानिक युग में तारीखों को शुभ-अशुभ के पैमाने पर तौलने के किसी भी फार्मूले को माना नहीं जाता है. यह कहा तो जाता है लेकिन इस फार्मूले के बिना कोई चलता भी नहीं है. देश में चल रही नरेंद्र मोदी की सरकार के लिए 5 अगस्त की तारीख बड़े निर्णयों के शुभ साबित हो रही है. यही वजह है कि मोदी सरकार 5 अगस्त को ऐसे कार्य कर रही है, जो बदलते भारत के इतिहास के पन्नों में अमिट लेख बन जाए. यह महज संयोग है या फिर सोच समझ कर लिया जा रहा निर्णय, यह अलग बात हो सकती है. साथ ही सियासत से अलग जाकर भी इसे देख जा सकता है लेकिन 5 अगस्त एक ऐसी तारीख जरूर बनता जा रहा है, जो भारत के लिए बड़ी लकीर खींच रहा है.

5 अगस्त को मंदिर का भूमि पूजन: 5 अगस्त 2020 भारत के इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली एक ऐसी तारीख है, जो 500 साल से ज्यादा समय से चले आ रहे विवाद के अंतिम पन्ना था. आस्था की भावना और जमीन के विवाद में उलझे अयोध्या को लेकर देश ने दर्द और विभेद का बहुत बड़ा खामियाजा भुगत चुका है. देश की न्यायपालिका से आस्था को मिले आदेश के बाद, अब जन भावनाओं के उस उम्मीद को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जो हिन्दुस्तान की बड़ी आबादी के लिए उसकी आस्था की आजादी है. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त को ही अयोध्या में बनने वाले मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होकर मंदिर निर्माण का कार्य शुभरंभ् कर आधारशिला रखी थी. 5 अगस्त की तारीख और पूजन का समय वैदिक विधि से निकाला गया है. लेकिन भाजपा के शुभ अंक 5 अगस्त को ही यह होगा. यह बड़े संयोग की बात कही जा सकती है क्योंकि भाजपा के लिए यह शुभ तारीख है.

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5 अगस्त 2019 को कश्मीर से खत्म हुई धारा 370: अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के सबसे विवादित मामले कश्मीर में लगी धारा 370 को खत्म करने का आदेश जारी किया. साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य की श्रेणी में रख दिया. देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को लेकर, जब भी बात होती थी तो अखंड भारत के मानचित्र में जम्मू कश्मीर एक ऐसा धब्बा बन जाता था, जो एक देश एक विधान और एक प्रधान के संवैधानिक हक को तोड़ देता था. भाजपा ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर देश को एक संविधान के सूत्र में बांध दिया. 5 अगस्त की तारीख इस कानून को हटाने को लिए क्यों रखी गई? यह भले ही महज संयोग की बात हो लेकिन पूरे देश में इस कानून को हटाए जाने के बाद, जिस तरह का जन समर्थन भाजपा को मिला, उससे 5 अगस्त भारत में आजादी की एक और तारीख बन गई. जो भाजपा के लिए काफी शुभ रहा है.

5 अगस्त को मुगलसराय स्टेशन का बदल गया नाम: तारीखों के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो 5 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश के चन्दौली जिले में स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन, जो एशिया का सबसे बड़ा यार्ड है. इसका नाम बदल कर पंडित दीन दयाल रेलवे स्टेशन किया गया. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिस पर केंद्र की सरकार ने 5 अगस्त को अपनी अनुमति की मुहर लगा दी. ऐसा नहीं है कि 5 अगस्त की तारीख को लेकर भाजपा हर कार्य सोच समझ कर रही है. यह सच हो लेकिन 5 अगस्त को ही बड़े कार्य हो रहे हैं. इसलिए ऐसा सोचा जाने लगा है.

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