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हरियाणा में आसमान पर पहुंचे सब्जियों के दाम, बिगड़ा आम आदमी के घर का बजट

बरसात आते ही सब्जियों के दाम आसमान छूने लगते हैं. आलम ये हो जाता है कि मध्यम वर्ग के लोगों के लिए सब्जी खरीदाना एक सपना बनकर रह जाता है.बरसात के मौसम में सब्जियों के दाम दिन प्रति दिन आसमान छू रहे हैं. जिससे आमजन का बजट बिगड़ जाता है.

बरसात के मौसम में सब्जियों के दाम बढ़ने से आमजन परेशान
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Published : Jul 27, 2019, 2:34 PM IST

चंडीगढ़: हर घर में खाने में सब्जी तो लगभग हर रोज बनाई जाती है. आम बिकने बाली सब्जी आज दोगुने दाम पर ग्राहक को मिल रही है, जिस कारण हर घर में बजट बिगड़ा हुआ है. सब्जी के दाम में बढ़ोतरी के कारण मंडियों में सब्जी खरीदारों की कमी दिखाई दे रही है. बरसात के कारण खेतों में ज्यादा पानी भरने से बाहर से आने वाली सब्जियां मंडी में नहीं पहुंचती.

बरसात के मौसम में सब्जियों के दाम बढ़ने से आमजन परेशान

सब्जी के दाम बढ़ने से लोगों की जेब हो रही ढीली

इसलिए सब्जी विक्रेता और आढती पहले से स्टोर की हुई सब्जियों को महंगे दाम पर बेचते हैं. गली मोहल्लों की दुकानों पर बिकने वाली सब्जी तो और भी महंगी मिल रही है. चंडीगढ़ की सेक्टर 26 मंडी में पहुंची गृहणियों ने कहा कि सब्जियों के दाम इतने महंगे होंगे है कि सब्जी खरीदने के लिए कई बार सोचना पड़ता है.

100 रुपये की सब्जी से अब नहीं भरता थैला

लोगों का कहना है 100 रुपये की सब्जी खरीदने पर थैला नहीं भरता. उन्होंने कहा कि सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि मध्यम वर्ग लोगों के लिए सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है.

टमाटर के भाव में तेजी से वृद्धि

इन दिनों में टमाटर की आपूर्ति कम होने के कारण टमाटर के भाव थोक में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है. लोगों की थाली से टमाटर गायब है. आलम यह है कि बाजार में सब्जी की खरीदारी करने वाले लोग मोल भाव करने के बाद ही खरीदारी कर रहे हैं. जो सब्जी महंगी लग रही है, उसे नहीं खरीद रहे हैं.

बरसात में सब्जियों के दाम में 35 से 40 फीसदी अंतर

व्यापारियों के मुताबिक थोक और बाजार में सब्जी के दामों में 35 से 40 प्रतिशत का अंतर आ गया है. सब्जी का स्वाद बढ़ाने और सजावट में उपयोग आने वाली हरी धनियां आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है.

तेज बारिश में वाहन ना आने से नहीं पहुंच रही सब्जी

कई राज्यों में कई दिनों से तेज बारिश ने जगह-जगह ट्रकों के पहिए रोक दिए है. इसके अलावा बिहार, यूपी और असम में बाढ़ आने से ट्रांसपोर्ट पर गहरा प्रभाव पड़ा है. जिस कारण मंडियों में ट्रक नहीं पहुंच रहे हैं. जिसके चलते सब्जियों के दामों में उछाल आ गया है. मंडी में जहां प्रतिदिन सब्जियों के आठ से दस ट्रक आते थे वहीं अब केवल दो से तीन ट्रक ही पहुंच रहे हैं.

वहीं सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बरसात के कारण बाहर से आने वाली सब्जियां मंडी में नहीं पहुंच रही है. लोकल मिलने वाली सब्जियां उनको भी महंगे दाम पर मिल रही हैं, जिस कारण महंगाई बढ़ रही है.

चंडीगढ़: हर घर में खाने में सब्जी तो लगभग हर रोज बनाई जाती है. आम बिकने बाली सब्जी आज दोगुने दाम पर ग्राहक को मिल रही है, जिस कारण हर घर में बजट बिगड़ा हुआ है. सब्जी के दाम में बढ़ोतरी के कारण मंडियों में सब्जी खरीदारों की कमी दिखाई दे रही है. बरसात के कारण खेतों में ज्यादा पानी भरने से बाहर से आने वाली सब्जियां मंडी में नहीं पहुंचती.

बरसात के मौसम में सब्जियों के दाम बढ़ने से आमजन परेशान

सब्जी के दाम बढ़ने से लोगों की जेब हो रही ढीली

इसलिए सब्जी विक्रेता और आढती पहले से स्टोर की हुई सब्जियों को महंगे दाम पर बेचते हैं. गली मोहल्लों की दुकानों पर बिकने वाली सब्जी तो और भी महंगी मिल रही है. चंडीगढ़ की सेक्टर 26 मंडी में पहुंची गृहणियों ने कहा कि सब्जियों के दाम इतने महंगे होंगे है कि सब्जी खरीदने के लिए कई बार सोचना पड़ता है.

100 रुपये की सब्जी से अब नहीं भरता थैला

लोगों का कहना है 100 रुपये की सब्जी खरीदने पर थैला नहीं भरता. उन्होंने कहा कि सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि मध्यम वर्ग लोगों के लिए सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है.

टमाटर के भाव में तेजी से वृद्धि

इन दिनों में टमाटर की आपूर्ति कम होने के कारण टमाटर के भाव थोक में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है. लोगों की थाली से टमाटर गायब है. आलम यह है कि बाजार में सब्जी की खरीदारी करने वाले लोग मोल भाव करने के बाद ही खरीदारी कर रहे हैं. जो सब्जी महंगी लग रही है, उसे नहीं खरीद रहे हैं.

बरसात में सब्जियों के दाम में 35 से 40 फीसदी अंतर

व्यापारियों के मुताबिक थोक और बाजार में सब्जी के दामों में 35 से 40 प्रतिशत का अंतर आ गया है. सब्जी का स्वाद बढ़ाने और सजावट में उपयोग आने वाली हरी धनियां आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है.

तेज बारिश में वाहन ना आने से नहीं पहुंच रही सब्जी

कई राज्यों में कई दिनों से तेज बारिश ने जगह-जगह ट्रकों के पहिए रोक दिए है. इसके अलावा बिहार, यूपी और असम में बाढ़ आने से ट्रांसपोर्ट पर गहरा प्रभाव पड़ा है. जिस कारण मंडियों में ट्रक नहीं पहुंच रहे हैं. जिसके चलते सब्जियों के दामों में उछाल आ गया है. मंडी में जहां प्रतिदिन सब्जियों के आठ से दस ट्रक आते थे वहीं अब केवल दो से तीन ट्रक ही पहुंच रहे हैं.

वहीं सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बरसात के कारण बाहर से आने वाली सब्जियां मंडी में नहीं पहुंच रही है. लोकल मिलने वाली सब्जियां उनको भी महंगे दाम पर मिल रही हैं, जिस कारण महंगाई बढ़ रही है.

Intro:पिछले कई दिनों से हो रही बरसात के कारण बाहर से आने वाली सब्जियों के दामों ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। Body:हर घर में खाने में सब्जी तो लगभग हर रोज बनाई जाती है। आम बिकने बाली सब्जी आज दोगुने दाम पर ग्राहक को मिल रही है, जिस कारण हर घर में बजट बिगड़ा हुआ है। सब्जी के दाम में बढ़ोतरी के कारण मंडियों में सब्जी खरीदारों की कमी दिखाई दे रही है। बरसात के कारण खेतों में ज्यादा पानी भरने से बाहर से आने बाली सब्जियां मंडी में नही पहुंचती इसलिए सब्जी विक्रेता और आढती पहले से स्टोर की हुई सब्जियों को मंहगे दाम पर बेचते हैं। गली मोहल्लों की दुकानों पर बिकने वाली सब्जी तो ओर भी महंगी मिल रही है। चंडीगढ़ की सेक्टर 26 मंडी में पहंची गृहणियों ने कहा कि सब्जियो के दाम इतने महंगे होंगे है कि सब्जी खरीदने के लिए कई बार सोचना पड़ता है... लोगों का कहना है 100 रुपए की सब्जी खरीदने पर थैला नहीं भरता। उन्होंने ने कहा कि सब्जियों के दाम इतने बढ़ गए हैं कि मध्यम वर्ग लोगों के लिए सब्जी खरीदना मुश्किल हो रहा है...
दिनों में टमाटर की आपूर्ति कम होने के कारण टमाटर के भाव थोक में बहुत अधिक बढ़ोतरी हुई है। लोगों की थाली से टमाटर गायब है। आलम यह है कि बाजार में सब्जी की खरीदारी करने वाले लोग मोल भाव करने के बाद ही खरीदारी कर रहे हैं। जो सब्जी मंहगी लग रही है उसे नहीं खरीद रहे हैं। व्यापारियों के मुताबिक थोक और बाजार में सब्जी के दामों में 35 से 40 प्रतिशत का अंतर आ गया है। सब्जी का स्वाद बढ़ाने और सजावट में उपयोग आने वाली हरी धनियां आम आदमी की पहुंच से बाहर हो गया है। कई राज्यों में कई दिनों से तेज बारिश ने जगह-जगह ट्रकों के पहिये रोक दिए। इसके अलावा बिहार, यूपी और असम में बाढ़ आने से ट्रांसपोर्ट पर गहरा प्रभाव पड़ा है जिस कारण मंडियों में ट्रक नहीं पहुंच रहे है। इससे सब्जियों के दामों में उछाल आ गया है। मंडी में जहां प्रतिदिन सब्जियों के आठ से दस ट्रक आते थे वहीं अब केवल दो से तीन ट्रक ही पहुंच रहे है।

वहीं सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बरसात के कारण बाहर से आने वाली सब्जियां मंडी में नही पहुंच रही। लोकल मिलने वाली सब्जियां उनको भी महंगे दाम पर मिल रही है।

बाइट : सब्जी विक्रेता
बाइट - ग्राहक

Conclusion:
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