देहरादून/चंडीगढ़: भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से आज देश-विदेश के 387 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट होकर सैन्य अधिकारी बन गए हैं. पासिंग आउट परेड के बाद 319 भारतीय कैडेट्स भारतीय थल सेना में बतौर अधिकारी शामिल हुए. 8 मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट होकर अपने देश में सैन्य अधिकारी के तौर पर शामिल होंगे. इस बार पासिंग आउट परेड में हरियाणा से 34 कैडेट पास आउट (Haryana cadets in IMA parade) हुए हैं.
आईएमए की पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर सलामी ली. पासिंग आउट परेड में अनमोल गुरुंग को स्वॉर्ड ऑफ ऑनर मिला. सिल्वर मेडल तुषार सापरा और ब्रॉन्ज मेडल आयुष रंजन को मिला है. भारतीय सैन्य अकादमी की पासिंग आउट परेड बेहद सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न हुई. आईएमए की पीओपी में राष्ट्रपति के अलावा सीडीएस जनरल बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat death) को भी शामिल होना था, लेकिन तमिलनाडु में हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस बिपिन रावत का निधन हो गया.
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने सभी को राष्ट्र की सेवा के लिए खुद को समर्पित करने का आह्वान किया. उन्होंने जेंटलमैन कैडेट को उन चुनौतियों के बारे में बताया, जिनका आज हमारा राष्ट्र क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सामना कर रहा है. राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा झंडा दिवंगत सीडीएस जनरल बिपिन रावत जैसे बहादुर पुरुषों के कारण हमेशा ऊंचा रहेगा. उन्होंने यहां आईएमए में प्रशिक्षण प्राप्त किया था. आईएमए से पास आउट होने वाले कैडेट ऐसे ही हमेशा भारत के सम्मान की रक्षा करेंगे.
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि देश के आधुनिक समय के खतरों से निपटने के लिए केवल शारीरिक और मानसिक दृढ़ता ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि सैन्य अधिकारी के रूप में अधिकारियों को एक रणनीतिक मानसिकता विकसित करनी होगी. सैन्य कौशल को सुधारने के लिए मानसिक तौर पर मजबूत होना होगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में युद्ध की तकनीक बदल गई है. इसलिए सैन्य अधिकारियों को इन तकनीक को अपनाना होगा.
इस बार पासिंग आउट परेड (passing out parade ) में सबसे अधिक उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मूल के कैडेट पास आउट हुए. उत्तर प्रदेश के 45 और उत्तराखंड के 43 कैडेट्स पास आउट हुए हैं. इसके साथ ही हरियाणा से 34, बिहार से 26, राजस्थान से 23 और पंजाब के 22 कैडेट पास आउट हुए. 8 मित्र देशों के 68 जेंटलमैन कैडेट्स पास आउट होकर अपने देश में सैन्य अधिकारी के तौर पर शामिल हुए.
साल 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सशस्त्र सेनाओं की जीत के 50 साल पूरे होने के अवसर पर आईएमए परेड को इस बार यादगार बनाने की तैयारी थी. लेकिन तमिलनाडु के कुन्नूर में हुए हेलीकाप्टर हादसे में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत समेत 13 अधिकारियों और जवानों की मौत हो जाने से अचानक माहौल बदल गया. ऐसे में देश को फौजी अफसर देने वाली संस्था आईएमए में इस बार पीओपी और पीपिंग सेरेमनी की रस्म तो हुई, लेकिन जश्न नहीं मनाया गया.
IMA की पासिंग आउट परेड में शामिल होने के लिए इस बार उत्तराखंड के राज्यपाल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे. उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार भी अपने परिवार के साथ आईएमए में मौजूद थे. आज की पीओपी में तीन बैंड शामिल थे. इंडियन मिलिट्री बैंड देहरादून, बंगाल इंजीनियर बैंड और गढ़वाल राइफल के बैंड अपनी धुन से परेड की रौनक बढ़ा रहे थे. बैंड की धुन पर परेड मार्च शुरू हुई थी. पीओपी परेड मार्च में विजय भारत धुन ने वहां मौजूद लोगों को आकर्षित किया.
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