चंडीगढ़: हरियाणा में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा. दिन बढ़ने के साथ संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कोरोना को लेकर लोगों में डर इस कदर फैल चुका है कि अगर कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव होता है तो वो तुरंत अस्पताल की ओर भागता है. ऐसे में अस्पतालों पर मरीजों का अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है.
कई बार उन मरीजों को जगह नहीं मिल पाती, जिन्हें चिकित्सा सेवाओं की सबसे ज्यादा जरूरत है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि कोरोना से पीड़ित किन मरीजों को अस्पताल जाने की जरूरत है और कौन से मरीज क्वॉरेंटाइन सेंटर या घर में रहते हुए अपना इलाज कर सकते हैं.
इस बारे में ईटीवी भारत हरियाणा की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के डॉक्टर सोनू गोयल से बातचीत की. डॉक्टर सोनू गोयल ने बताया कि कोरोना होने का मतलब ये नहीं है कि आप को तुरंत अस्पताल में भर्ती होना होगा. इसके लिए कई परिस्थितियां मायने रखती हैं. अगर कोरोना पॉजिटिव होने के बाद हल्का बुखार आता है तब घबराने की जरूरत नहीं है. अगर बुखार ज्यादा हो तब डॉक्टर से बात करनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि व्यक्ति को सबसे पहले अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करना चाहिए. अगर ऑक्सीजन लेवल 92 से ज्यादा है, तब उसे अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है. अगर उसका ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, तब उसे तुरंत अस्पताल जाना चाहिए.
डॉक्टर ने बताया कि कई मरीजों को डायरिया भी हो जाता है. अगर डायरिया ज्यादा है तब भी मरीज को अस्पताल जाना चाहिए. इसके अलावा अगर मरीज में ऑक्सीजन का स्तर ठीक है, बुखार ज्यादा नहीं है या डायरिया की समस्या नहीं है, तब उस मरीज को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं है. वो घर पर रहते हुए डॉक्टर से संपर्क कर सकता है और डॉक्टर के निर्देशों अनुसार अपना इलाज कर सकता है.