चंडीगढ़: हरियाणा के आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने एक बार फिर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को पत्र लिखा है. इस बार अशोक खेमका ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में आईपीएस अधिकारी और एडीजीपी ओपी सिंह की खेल विभाग में प्रधान सचिव की नियुक्ति को गैरकानूनी बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है.
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
आईएएस अधिकारी अशोक खेमका ने आईपीएस अधिकारी और मुख्यमंत्री के कार्यकारी अधिकारी ओपी सिंह की नियुक्ति को संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन बताया है. खेमका ने अपने खत में ओपी सिंह की नियुक्ति को बैक डोर एंट्री बताते हुए कहा कि खेल विभाग में प्रधान सचिव का पद आईएएस अधिकारी काडर का होता है और इस पर आईपीएस अधिकारी की नियुक्ति नहीं की जानी चाहिए.
ओपी सिंह की नियुक्ति को बताया संविधान का उल्लंघन
अशोक खेमका की तरफ से मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में खेमका ने ओपी सिंह की नियुक्ति को आईएएस कैडर के लिए बने नियम 8(1) और 7 का भी उल्लंघन बताया है. खेमका ने कहा कि हरियाणा में प्रधान सचिव के कुल 12 पद मंजूर हैं, जबकि आईएएस रैंक के प्रधान सचिवों की संख्या 16 है. प्रधान सचिव रैंक के कुछ आईएएस अधिकारियों को सरकार ने निचली पोस्टों पर पदों पर तैनात किया हुआ है.
खेल विभाग में प्रधान सचिव नियुक्त किए गए हैं ओपी सिंह
आपको बता दें कि एडीजीपी ऑफिस मुख्यमंत्री कार्यालय में विशेष कार्यकारी अधिकारी के पद पर नियुक्त हैं. खेमका ने इसे भी गैरकानूनी बताया है खेमका का कहना है कि मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी आईएएस और आईपीएस की नियुक्ति और तबादलों में सिविल सर्विस बोर्ड की जगह खुद के अधिकारों का इस्तेमाल करते हैं.
महीने में सीएम को 3 पत्र लिख चुके हैं अशोक खेमका
गौरतलब है कि पहले अशोक खेमका अपने ट्रांसफर को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं जिसमे प्रधानमंत्री से मिलने तक कि इजाजत मांगी थी. कुछ दिन पहले आईएएस अधिकारी जगदीप सिंह के बेटे को मिले ए ग्रेड सर्टिफिकेट दिए जाने के मामले में गठित जांच कमेटी को लेकर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं.
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अब खेमका ने मुख्यमंत्री कार्यलय में मुख्य कार्यकारी अधिकारी को खेल विभाग में प्रधानसचिव की जिम्मेवारी दिए जाने पर सवाल उठा दिए हैं. एक महीने में करीब तीसरा पत्र खेमका मुख्यमंत्री को लिख चुके हैं.