चंडीगढ़: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से ग्रुप-C के लिए होने वाली कुछ भर्तियों में महिला कैंडिडेट के PMT (Physical Measurement Test) में चेस्ट की माप को अनिवार्य किया गया है. फॉरेस्ट रेंजर के विभिन्न पदों के लिए दूसरे चरण के फिजिकल टेस्ट में महिलाओं की छाती मापने के मुद्दे पर प्रदेश में राजनीति भी तेज हो गई है. इसी मामले पर एचएसएससी चेयरमैन ने अब सफाई दी है.
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पीएमटी (Physical Measurement Test) के मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने भी ट्वीट करके हरियाणा सरकार पर निशाना साधा है. अब इस मामले में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन भोपाल सिंह ने विपक्षी नेताओं पर पलटवार किया है. उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस इस बात से डरी हुई है कि कहीं 60 हजार भर्तियां ना हो जाएं और बीजेपी की सरकार दोबारा ना आ जाए. इसलिए कांग्रेस ओछी राजनीति के तहत ये सब फालतू के मुद्दे उठा रही है.
फॉरेस्ट रेंजर पद के लिए महिलाओं की छाती की माप लेने पर हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह खदरी का कहना है कि विपक्षी नेता अपनी ओछी राजनीति और मानसिकता को दर्शा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के नियम पहले से निर्धारित किए गए थे. विज्ञापन में भी पहले ही भर्ती प्रक्रिया के नियम बता दिए गए थे.
हम अपनी बहन-बेटियों को असहज नहीं होने देंगे, क्योंकि ये सभी प्रक्रिया बंद कमरे में महिला डॉक्टर और महिला कोच द्वारा ही की जाएगी. जिस कमरे में महिलाओं का शारीरिक माप परीक्षण किया जाएगा. उस कमरे में हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के चेयरमैन को भी जाने की इजाजत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मामले में बेबुनियादी बातें कर रहा है. भोपाल सिंह खदरी, चेयरमैन, एचएसएससी
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भोपाल सिंह ने इसके अलावा कहा कि भर्ती प्रक्रिया का कानून पहले से ही तय है. इसी मापदंड के तहत कांग्रेस में भी भर्तियां हो चुकी हैं. कांग्रेस नेता किरण चौधरी खुद एक फॉरेस्ट मिनिस्टर रह चुकी हैं. अगर कांग्रेस को ये नियम गलत लगते थे, तो उन्होंने पहले ही नियमों को क्यों नहीं बदला. अब सवाल उठाने का क्या मतलब है.
हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष क्या कहता है इसका कोई मतलब नहीं बनता. लेकिन अगर उम्मीदवार यह मांग उठाते हैं कि मापदंड के इस कानून को बदला जाए, तो हम सरकार से जरूर निवेदन करेंगे कि इस कानून को बदल दिया जाए. लेकिन विपक्ष के कहने से हम कानून नहीं बदल सकते. उन्होंने कहा अभी भर्ती प्रक्रिया इसी तरह से आगे भी जारी रहेगी. हम आरआर (recruitment rules) से बाहर नहीं जा सकते.
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