चंडीगढ़: सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ कोरोना मरीजों के रिकवरी रेट के मामले में देश में पहले स्थान पर है. चंडीगढ़ में कोरोना संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट 82.3% है, जो देश के किसी भी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों से ज्यादा है. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम ने चंडीगढ़ पीजीआई के निदेशक प्रोफेसर जगतराम से खास बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि कोरोना रिकवरी रेट में आखिर चंडीगढ़ ने देशभर में पहला स्थान कैसे हासिल किया.
पीजीआई में मौजूद सभी सुविधाएं
उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ पीजीआई में जो मरीज आते हैं, उनमें से कुछ मरीजों की हालत स्थिर होती है और कुछ मरीज ऐसे भी होते हैं, जिनकी हालत गंभीर होती है. जिन मरीजों की हालत स्थिर होती है, उन्हें धन्वंतरी आयुर्वैदिक कॉलेज में भेज दिया जाता है. जहां पर उनका इलाज किया जाता है. वहीं जिन मरीजों की हालत गंभीर होती है, उनका इलाज पीजीआई में किया जाता है. यहां पर आईसीयू, वेंटिलेटर और ऑक्सीजन आदि की सारी बेहतरीन सुविधाएं मौजूद हैं. ऐसे मरीजों के इलाज में खास सावधानियां बरती जाती हैं. हमारी यही कोशिश रहती है कि हर मरीज की जान बचाई जाए, जिससे मौतों की दर को कम किया जा सके.
समय से हो रही सैंपलिंग
साथ ही उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में डिटेक्शन रेट भी ज्यादा है. स्वास्थ्य विभाग की ओर से लगातार लोगों की सैंपलिंग की जा रही है. कोई भी केस डिटेक्ट होते ही तुरंत उसका इलाज शुरू कर दिया जाता है. इससे भी रिकवरी रेट में बढ़ोतरी हुई है. चंडीगढ़ पीजीआई ऐसे मरीजों की जान बचाने में कामयाब हुआ है, जो बहुत ही नाजुक हालत में थे. जिस वजह से यहां का रिकवरी रेट बेहतर हुआ है.
पीजीआई में दो तरह से हो रहे हैं टेस्ट
चंडीगढ़ पीजीआई को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने भी रैपिड एंटीजन टेस्ट के लिए चुना है. इसके बारे में जानकारी देते हुए प्रोफेसर जगत राम ने कहा कि पीजीआई में इस समय दो तरह के टेस्ट किए जा रहे हैं. जिनमें पहला रियल टाइम पीसीआर जो ज्यादातर लोगों पर किया जाता है. इसकी रिपोर्ट आने में 7 से 8 घंटे का समय लगता है और दूसरा जीन एक्सपर्ट, जो उन लोगों पर किया जाता है, जिनकी हालत गंभीर होती है और जिन्हें कई अन्य बीमारियां भी होती हैं. इसकी रिपोर्ट एक से डेढ़ घंटे में आ जाती है.
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अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से पीजीआई को एक और जिम्मेदारी दी गई है. जिसमें पीजीआई को एक नए टेस्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट की किट को जांचना है कि उससे किए गए टेस्ट सही तरीके से हो रहे हैं या नहीं और उसकी रिपोर्ट सही आ रही है या नहीं. फिलहाल आईसीएमआर की ओर से पीजीआई को 300 किट भेजी गई हैं. जिससे 300 लोगों के टेस्ट किए जाएंगे. इस टेस्ट का सबसे बड़ा फायदा ये होगा कि इस से आधे घंटे में रिपोर्ट आ जाएगी.