चंडीगढ़: भले ही चंडीगढ़ के निवासी दशकों से बिगड़ती यातायात और पार्किंग की समस्या के समाधान का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन गृह मामलों की पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग समिति के हाउस पैनल ने बार-बार गृह मंत्रालय (एमएचए) और यूटी प्रशासन को कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला है. ताकि शहर में ट्रैफिक की समस्या को प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए, लेकिन अभी तक कोई ठोस उपाय नहीं निकल पाया है. ऐसे में समिति द्वारा फ्लाईओवर, अंडरपास बनाने की सिफारिश की गई है.
शहर में सार्वजनिक वाहन होने के बाद भी ट्रैफिक की समस्या को प्रशासन हल नहीं कर पाया है. ऐसे में पार्लियामेंट्री स्टैंडिंग समिति के हाउस पैनल का कहना है कि पिछले दस सालों से समिति शहर की बिगड़ती यातायात समस्या पर चिंता जताती रही है और यातायात संबंधी समस्याओं के विभिन्न समाधानों की सिफारिश करती आ रही है.
वहीं, 2016 से पहले समिति ने गृह मंत्रालय को चंडीगढ़ में बढ़ती ट्रैफिक की समस्या पर ध्यान देते हुए मांग रखी थी कि शहर में परिवहन प्रणाली में सुधार लाना होगा. ऐसे में समिति ने चंडीगढ़ परिवहन उपक्रम के लिए बसों की खरीद के लिए अतिरिक्त धनराशि को मंजूरी दी थी. इस फैसले ने बसों की खरीद के एक वर्ष बाद ही परिवहन विभाग के लिए पूंजी को लगभग दोगुना कर दिया था.
समिति ने गृह मंत्रालय और केंद्र शासित प्रदेशों को बढ़ती ट्रैफिक की समस्या में सुधार के लिए कदम उठाने के लिए कहा. साल 2020 में समिति ने सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए 2020-21 के दौरान नई बसों की खरीद के लिए अतिरिक्त धनराशि के आवंटन पर फिर से अपनी मुहर लगा दी. इन सभी उपाय के बाद भी ट्रैफिक की समस्या शहर में बनी हुई है.
ऐसे में इस मुद्दे को अभी भी हल किया जाना है एवं पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप करने के बाद ही हाल ही में कुछ प्रगति हुई है. इस साल की रिपोर्ट में एक बार फिर समिति ने चंडीगढ़ में पड़ोसी राज्यों और क्षेत्रों से लोगों की आमद के कारण तेजी से बढ़ती आबादी के मुद्दे को यूटी प्रशासन के संज्ञान में लाया. समिति ने कहा कि शहर में पिछले कुछ समय से ट्रैफिक की समस्या बढ़ी है. ऐसे में समिति ने चंडीगढ़ में ट्रैफिक की समस्या को हल करने के लिए यूटी प्रशासन को नए अंडरपास और फ्लाईओवर का निर्माण करना सुझाव दिया है.
वहीं, समिति ने कहा है कि इस संबंध में तेजी से कार्रवाई की जानी चाहिए. ट्रैफिक की समस्या कम करने का काम पूरा हो जाने के बाद सुविधाओं की भरपाई के लिए वाहनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है. यूटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मेट्रो शुरू करने, फ्लाईओवर और अंडरपास के निर्माण के पिछले प्रयास सफल नहीं हुए थे. लेकिन, इस बार पंजाब, हरियाणा और यूटी सहित सभी हितधारकों ने ट्राइसिटी के लिए राइट्स व्यापक मोबिलिटी योजना को लागू करने पर सहमति व्यक्त की है.
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