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कबड्डी प्रतियोगिता को लेकर छिड़ा विवाद, भविष्य में हरियाणा से छिन सकता है मेजबानी का मौका

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Published : Sep 22, 2021, 5:34 PM IST

Updated : Sep 22, 2021, 6:23 PM IST

हरियाणा के जिला भिवानी में हुई ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता (All India Civil Service Kabaddi Competition) सवालों के घेरे में है. इस प्रतियोगिता पर हिमाचल टीम और उसके कोच ने सवाल उठाए हैं. हिमाचल टीम के मैनेजर कम कोच की प्रदेश सरकार के माध्यम से खेल मंत्रालय को इस पूरे मामले के बारे में शिकायत भी दी गई है. अगर शिकायत सही पाई गई तो भविष्य में हरियाणा से इस प्रतियोगिता की मेजबानी भी छिन सकती है.

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भविष्य में हरियाणा से छिन सकता है मेजबानी का मौका

सोलन: हरियाणा के भिवानी में खेली गई ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता (All India Civil Service Kabaddi Competition) पर सवाल खड़े हो चुके हैं. हिमाचल से कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सदस्य का कहना है कि हरियाणा में हुई कबड्डी प्रतियोगिता में उनके साथ भेदभाव किया गया, उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाफ सेमीफाइनल खेले जाने से पहले कथित रूप से खिलाड़ियों के ऊपर मानसिक दबाव बनाया गया जिससे हिमाचल की टीम को हार का सामना करना पड़ा. हिमाचल कबड्डी टीम के सदस्य राजेन्द्र सिंह पेजटा का कहना है कि हिमाचल टीम का सेमीफाइनल में पहुंचना हरियाणा को रास नहीं आ रहा था. उनके मुताबिक 19 सितबर को हिमाचल व महाराष्ट्र टीम के बीच में कबड्डी का क्वार्टर फाइनल मैच खेला गया, यह मुकाबला कांटे का हुआ.

हिमाचल 3 प्वाइंट से इस मैच को जीतने में कामयाब रहा. हिमाचल की अंतिम रेड में रैडर दो प्वाइंट लेकर आया. महाराष्ट्र की टीम ने इन दो प्वांइट पर प्रोटेस्ट करते हुए कहा कि रैडर आउट है. महाराष्ट्र का प्रोटेस्ट खारिज हो गया और हिमाचल की टीम को विजेता घोषित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि सोमवार को सेमीफाइनल में हिमाचल का मुकाबला हरियाणा से होना था. महाराष्ट्र की टीम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं थी. उन्होंने भी अपने स्तर पर कमेटी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, इसका नतीजा यह हुआ कि सोमवार सुबह प्रदेश की टीम को महाराष्ट्र के साथ दोबारा से मैच खेलने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया गया, नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई. हिमाचल टीम के कोच का कहना है कि जैसे-तैसे हिमाचल को सेमीफाइनल खेलने का मौका मिला, लेकिन दिनभर हुए हाईवोल्टेज ड्रामा के कारण खिलाड़ी मानसिक व शारीरिक रूप से इतने थक चुके थे कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

कबड्डी प्रतियोगिता को लेकर छिड़ा विवाद, देखिए वीडियो

पढ़ें : भारत दुनिया का सबसे प्रदूषित देश है, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में हालात बेकाबू


वहीं, हिमाचल प्रदेश की सिविल सर्विस कबड्डी टीम के कोच सुदर्शन चौहान ने भी बताया कि रविवार को उनकी टीम महाराष्ट्र के साथ हुए मैच की विजेता रही. मैच का निर्णय रातों-रात बदल दिया गया. सोमवार सुबह हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच सेमीफाइनल मैच घोषित भी कर दिया गया था, मगर कमेटी ने हिमाचल को महाराष्ट्र की टीम के साथ दोबारा मैच के खेलेने के लिए बाध्य करना शुरू कर दिया. विरोध करने पर उनके साथ धक्का-मुक्की की गई.

जब खेल मंत्रालय से शिकायत की गई तो हिमाचल की टीम को सोमीफाइनल खेलने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि हरियाणा में हुए इस विवाद को हिमाचल सरकार के समक्ष रखते हुए खेल मंत्रालय के सामने रखा जाएगा ताकि अगली बार खिलाड़ियों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार ना हो. बता दें कि ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज खेल प्रतियोगिता में प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों के कर्मचारी भाग लेते हैं, बहरहाल हिमाचल टीम द्वारा दी गई शिकायत पर खेल मंत्रालय क्या फैसला लेता है ये देखने लायक होगा.

ये पढ़ें- प्रो कबड्डी लीग के नए सीजन के लिए फ्रेंचाइजों ने रिटेन किए खिलाड़ी

सोलन: हरियाणा के भिवानी में खेली गई ऑल इंडिया सिविल सर्विस कबड्डी प्रतियोगिता (All India Civil Service Kabaddi Competition) पर सवाल खड़े हो चुके हैं. हिमाचल से कबड्डी प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सदस्य का कहना है कि हरियाणा में हुई कबड्डी प्रतियोगिता में उनके साथ भेदभाव किया गया, उन्होंने कहा कि हरियाणा के खिलाफ सेमीफाइनल खेले जाने से पहले कथित रूप से खिलाड़ियों के ऊपर मानसिक दबाव बनाया गया जिससे हिमाचल की टीम को हार का सामना करना पड़ा. हिमाचल कबड्डी टीम के सदस्य राजेन्द्र सिंह पेजटा का कहना है कि हिमाचल टीम का सेमीफाइनल में पहुंचना हरियाणा को रास नहीं आ रहा था. उनके मुताबिक 19 सितबर को हिमाचल व महाराष्ट्र टीम के बीच में कबड्डी का क्वार्टर फाइनल मैच खेला गया, यह मुकाबला कांटे का हुआ.

हिमाचल 3 प्वाइंट से इस मैच को जीतने में कामयाब रहा. हिमाचल की अंतिम रेड में रैडर दो प्वाइंट लेकर आया. महाराष्ट्र की टीम ने इन दो प्वांइट पर प्रोटेस्ट करते हुए कहा कि रैडर आउट है. महाराष्ट्र का प्रोटेस्ट खारिज हो गया और हिमाचल की टीम को विजेता घोषित कर दिया गया. उन्होंने बताया कि सोमवार को सेमीफाइनल में हिमाचल का मुकाबला हरियाणा से होना था. महाराष्ट्र की टीम इस निर्णय से संतुष्ट नहीं थी. उन्होंने भी अपने स्तर पर कमेटी पर दबाव बनाना शुरू कर दिया, इसका नतीजा यह हुआ कि सोमवार सुबह प्रदेश की टीम को महाराष्ट्र के साथ दोबारा से मैच खेलने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया गया, नौबत धक्का-मुक्की तक पहुंच गई. हिमाचल टीम के कोच का कहना है कि जैसे-तैसे हिमाचल को सेमीफाइनल खेलने का मौका मिला, लेकिन दिनभर हुए हाईवोल्टेज ड्रामा के कारण खिलाड़ी मानसिक व शारीरिक रूप से इतने थक चुके थे कि उन्हें हार का सामना करना पड़ा.

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वहीं, हिमाचल प्रदेश की सिविल सर्विस कबड्डी टीम के कोच सुदर्शन चौहान ने भी बताया कि रविवार को उनकी टीम महाराष्ट्र के साथ हुए मैच की विजेता रही. मैच का निर्णय रातों-रात बदल दिया गया. सोमवार सुबह हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के बीच सेमीफाइनल मैच घोषित भी कर दिया गया था, मगर कमेटी ने हिमाचल को महाराष्ट्र की टीम के साथ दोबारा मैच के खेलेने के लिए बाध्य करना शुरू कर दिया. विरोध करने पर उनके साथ धक्का-मुक्की की गई.

जब खेल मंत्रालय से शिकायत की गई तो हिमाचल की टीम को सोमीफाइनल खेलने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि हरियाणा में हुए इस विवाद को हिमाचल सरकार के समक्ष रखते हुए खेल मंत्रालय के सामने रखा जाएगा ताकि अगली बार खिलाड़ियों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार ना हो. बता दें कि ऑल इंडिया सिविल सर्विसेज खेल प्रतियोगिता में प्रदेश सरकार के सरकारी विभागों के कर्मचारी भाग लेते हैं, बहरहाल हिमाचल टीम द्वारा दी गई शिकायत पर खेल मंत्रालय क्या फैसला लेता है ये देखने लायक होगा.

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Last Updated : Sep 22, 2021, 6:23 PM IST
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