चंडीगढ़: कोविड-19 के चलते जिन दोषियों को हाई पावर कमेटी के आदेशों के तहत रिहा किया गया था अब उनका दोबारा जेल में प्रवेश करवाया जाएगा. इसके लिए जेल अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दोषियों का फिर से उच्चाधिकार समिति द्वारा निर्धारित मापदंड के अनुसार दोबारा से प्रवेश सुनिश्चित करें.
वहीं ये भी सुनिश्चित करें कि दोषियों का दोबारा प्रवेश उनके कारावास की अवधि के आधार पर 23 फरवरी 2021 से हो. बैठक में निर्णय लिया गया है कि जिन कैदियों को 1 फरवरी 2021 को पैरोल/फर्लो पर रिहा किया गया था, वो सक्षम प्राधिकारियों द्वारा उन्हें दी गई पैरोल/फर्लो की अवधि समाप्त होने पर आत्मसमर्पण करेंगे.
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विधिक सेवाएं प्राधिकरण के एक प्रवक्ता ने इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति राजन गुप्ता की अध्यक्षता में गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति के आदेशों के तहत कोविड-19 के चलते 2,580 बंदियों को रिहा किया गया था.
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अब उन्हें दोबारा प्रवेश की अनुमति के लिए आज नारनौल में समिति की बैठक का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि जेल अधिकारियों एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वो दोषियों के जेलों में प्रवेश के समय सभी प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए एक दूसरे के साथ तालमेल बिठाए.
बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि जेलों के अंदर कोरोना संक्रमण के जोखिम से बचने के लिए दोषियों/विचाराधीन कैदियों की पैरोल/जमानत प्रदान और बढ़ाई जा रही थी. वर्तमान स्थिति को देखते हुए कमेटी ने 9 चरणों में हाई पावर्ड कमेटी की सिफारिशों के तहत पैरोल पर रिहा किए गए दोषियों का फिर से प्रवेश शुरू करने का फैसला किया है.
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प्रवक्ता ने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण जेल में बंद कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों से मिलने को निलंबित कर दिया गया था, अब हाई पावर्ड कमेटी ने कैदियों को उनके परिवार के सदस्यों के साथ एक सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक फिर से मुलाकात शुरू करने की अनुमति दी है.
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विचाराधीन कैदियों और दोषियों को भी हर शनिवार को अपने वकीलों से मिलने की अनुमति होगी. अब एक महीने में दो बार अपने परिवार के सदस्यों के साथ विचाराधीन कैदी मिल सकेंगे, जबकि दोषियों को महीने में एक बार मिलने की अनुमति होगी.