चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट (Punjab And Haryana High Court) में आज हरियाणा पुलिस में चयनित महिला और पुरुष कांस्टेबल को नियुक्ति के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद नियुक्ति देने पर 17 अगस्त तक रोक जारी रखी है. इनकी संख्या करीब सात हजार है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (Haryana Staff Selection Commission) की तरफ से पेश नहीं की गई.
अब कोर्ट सबसे पहले यह देखेगा कि भर्ती में नार्मलाइजेशन परसेंटाइल जैसा मेथड अपनाना क्या उचित है, उम्मीदवारों को किस स्टेज पर इस बात की जानकारी दी गई, मेथड किस तरह लागू किया गया और क्या वह सही था. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील जसबीर मोर ने कोर्ट को बताया कि पुरुष कांस्टेबल की भर्ती में उम्मीदवारों को बाद में बताया गया था कि नार्मलाइजेशन परसेंटाइल मेथड अपनाया जाएगा लेकिन बाद में यह मैथड रिजेक्ट कर अन्य मैथड लगाकर रिजल्ट तैयार कर दिया गया. महिला कांस्टेबल की भर्ती में कभी भी नहीं बताया गया कि कौन सा मैथड मेरिट बनाने के लिए अपनाया जाएगा.
इस पर कोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक बरकरार रखते हुए आयोग को आदेश दिया कि वह कोर्ट में महिला कांस्टेबल की 10 उम्मीदवारों का परिणाम रैंडम और सीक्वेंस के आधार पर चार्ट बनाकर कोर्ट में पेश करे. इससे कोर्ट को इन उम्मीदवारों के मार्क्स का पता चल जाएगा. इसी के साथ कोर्ट ने नियुक्ति जारी करने पर रोक जारी रखने का आदेश दिया.
हरियाणा पुलिस में चयनित महिला और पुरुष कांस्टेबल की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने 17 अगस्त तक लगाई रोक
Haryana Constable Recruitment हरियाणा में महिला व पुरुष कांस्टेबल भर्ती में चयनित 7000 महिला व पुरुष कांस्टेबल को नियुक्ति पत्र देने पर रोक 17 अगस्त बरकरार रहेगी.
चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट (Punjab And Haryana High Court) में आज हरियाणा पुलिस में चयनित महिला और पुरुष कांस्टेबल को नियुक्ति के मामले में सुनवाई हुई. कोर्ट ने सुनवाई के बाद नियुक्ति देने पर 17 अगस्त तक रोक जारी रखी है. इनकी संख्या करीब सात हजार है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा मांगी गई जानकारी हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (Haryana Staff Selection Commission) की तरफ से पेश नहीं की गई.
अब कोर्ट सबसे पहले यह देखेगा कि भर्ती में नार्मलाइजेशन परसेंटाइल जैसा मेथड अपनाना क्या उचित है, उम्मीदवारों को किस स्टेज पर इस बात की जानकारी दी गई, मेथड किस तरह लागू किया गया और क्या वह सही था. याचिकाकर्ता पक्ष के वकील जसबीर मोर ने कोर्ट को बताया कि पुरुष कांस्टेबल की भर्ती में उम्मीदवारों को बाद में बताया गया था कि नार्मलाइजेशन परसेंटाइल मेथड अपनाया जाएगा लेकिन बाद में यह मैथड रिजेक्ट कर अन्य मैथड लगाकर रिजल्ट तैयार कर दिया गया. महिला कांस्टेबल की भर्ती में कभी भी नहीं बताया गया कि कौन सा मैथड मेरिट बनाने के लिए अपनाया जाएगा.
इस पर कोर्ट ने नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक बरकरार रखते हुए आयोग को आदेश दिया कि वह कोर्ट में महिला कांस्टेबल की 10 उम्मीदवारों का परिणाम रैंडम और सीक्वेंस के आधार पर चार्ट बनाकर कोर्ट में पेश करे. इससे कोर्ट को इन उम्मीदवारों के मार्क्स का पता चल जाएगा. इसी के साथ कोर्ट ने नियुक्ति जारी करने पर रोक जारी रखने का आदेश दिया.