चंडीगढ़: प्रदेश में फर्जी ट्रैवल एजेंट्स (कबूतरबाजों) पर नकेल कसने के लिए पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने डिस्ट्रिक्ट लेवल रेगुलेटरी अथॉरिटी बनाने का सुझाव दिया है. जस्टिस अरुण मूंगा ने इस संबंध में हरियाणा के गृह सचिव और डीजीपी को बैठक कर इस पर विचार करने के निर्देश दिए हैं.
कबूतरबाजों पर हाई कोर्ट के निर्देश
हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया है कि फर्जी ट्रैवल एजेंट पर नकेल कसने के लिए डिस्ट्रिक्ट लेवल रेगुलेटरी अथॉरिटी या इस पर किसी अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो सभी मान्यता प्राप्त एजेंट को सर्टिफिकेट दे. इन सभी एजेंट की डीटेल वेबसाइट पर अपलोड की जाए, जिससे लोगों को इनसे संपर्क करने में सुविधा रहे और व्यवस्था में पारदर्शिता बनी रहे.
पीड़ित ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका
हाई कोर्ट ने कहा कि इस अथॉरिटी के बनने के बाद प्रदेश में चल रहा फर्जी ट्रैवल एजेंट का कारोबार प्रभावित होगा और लोग मान्यता प्राप्त एजेंट की जानकारी वेबसाइट के जरिए भी हासिल कर सकेंगे. गौरतलब है कि नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजने के मामले में आरोपी ट्रैवल एजेंट ने हाई कोर्ट से जमानत दिए जाने की मांग की थी. कुरुक्षेत्र निवासी शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि ट्रैवल एजेंट ने उसे यूनाइटेड स्टेट भेजने के लिए 20 लाख रुपये मांगे थे.
फर्जी ट्रैवल एजेंट आरोपी ने 10 लाख रुपये ले लिए और उसे यूनाइटेड स्टेट पहुंचाने की जगह साउथ अमेरिका पहुंचा दिया. बाद में काफी परेशानी के बाद जब वो कैलिफोर्निया पहुंचा तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया. कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते उसे वापस अपने देश भेज दिया गया. शिकायत पर पुलिस ने ट्रैवल एजेंट के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली थी. इस पर एजेंट ने जमानत की मांग करते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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कबूतरबाजों के खिलाफ हो चुके हैं 400 मामले दर्ज
बता दें कि इन कबूतरबाजों का हरियाणा में बड़ा कारोबार है. इसको रोकने के लिए अब हरियाणा सरकार ने डोंकी वीजा (नियमों का उल्लंघन करके बना हुआ वीजा) लगवाकर विदेश भेजने वाले कबूतरबाजों पर शिंकजा कसना शुरू कर दिया है. इस कड़ी में कबूतरबाजों के खिलाफ अब तक 400 से ज्यादा मामले दर्ज हो चुके हैं. 112 एजेंटों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.