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हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा में रिपीट सवालों का मामला, CM ने कही ये बात, जानें हाईकोर्ट ने क्या दिया आदेश?

हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा में रिपीट सवालों के मामले में हाईकोर्ट में सुनावई चल रही है. कोर्ट ने आयोग को आदेश दिया है कि वो इस मामले में याचिकाकर्ता की याचिका पर निर्णय लेकर उचित आदेश जारी करे. वहीं, इस मामले में हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि इस मामले में कोर्ट जो भी आदेश देगी, उसका पालन किया जाएगा. (CM on repeated questions in Haryana PCS exam)

CM on repeated questions in Haryana PCS exam
हरियाणा सिविल सर्विस परीक्षा में रिपीट सवालों का मामला
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Published : Jun 1, 2023, 2:56 PM IST

Updated : Jun 1, 2023, 3:13 PM IST

चंडीगढ़: हरियाणा सिविल सर्विस की 100 पदों के लिए 21 मई को हुई प्रारंभिक परीक्षा में 32 सवाल पिछली परीक्षा के आने के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसका हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया है. बहस के दौरान याची पक्ष के वकील रविंद्र सिंह ढुल ने कोर्ट को बताया कि केवल आठ महीने पहले हुई परीक्षा के प्रश्न इस परीक्षा में कापी करना बड़ा हास्यपद है. इससे पहले भी एक परीक्षा में हरियाणा लोक सेवा आयोग ने मध्य प्रदेश की एक परीक्षा के लगभग एक तिहाई सवाल कापी किए थे.

एचसीएस पेपर के मुद्दे पर बोले मुख्यमंत्री मनोहर लाल: एचसीएस की परीक्षा में प्रश्नों कि रिपीटेशन को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है और कोर्ट इसको लेकर कोर्ट जो भी आदेश देगी, उसका पालन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि एचपीएससी एक स्वतंत्र संस्था है, इसलिए वह खुद भी इसका फैसला ले सकती है. अगर हमारा सुझाव पूछा जाए तो हम यह सुझाव दे सकते हैं कि 38 प्रश्नों की रिपीटेशन की गई थी, अगर एसपीएससी चाहे तो बाकी बचे 62 प्रश्नों के आधार पर भी परिणाम जारी कर सकती है. लेकिन, यह एचपीएससी को देखना है कि वह इस मामले का हल किस तरह से निकालती है, या कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जाता है.

याची पक्ष के वकील रविंद्र सिंह ढुल की दलील: रविंद्र सिंह ढुल ने कहा कि इस तरह की परीक्षा योग्य उम्मीदवारों के साथ एक मजाक है. इस पर सरकार की तरफ से पेश एडवोकेट जनरल ने बेंच को आश्वासन दिया कि सरकार याचिकर्ता पक्ष की सभी मांग पर उचित निर्णय लेगी और उनको दूर करेगी. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार को इसके लिए कितना समय चाहिये, सरकार की तरफ से इसके लिए एक महीने के समय की मांग की गई. जबकि याची पक्ष ने कहा कि वह दस दिन के भीतर अपनी प्रस्तुतिकरण आयोग के सामने पेश कर देगा.

परीक्षा परिणाम पर रोक: हाईकोर्ट के जस्टिस सुवीर सहगल ने याचिका का निपटारा करते हुए आयोग को आदेश दिया कि वो इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा दी गई प्रस्तुतिकरण पर निर्णय लेकर उचित आदेश जारी करे. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि जब तक प्रस्तुतिकरण पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक आयोग हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) की कार्यकारी शाखा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करेगा.

इन्होंने की थी परीक्षा रद्द करने की मांग: इस मामले में जींद निवासी अंकुर कुमार और अन्य अभ्यर्थियों ने सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट में पिछले साल की परीक्षा के लगभग एक तिहाई प्रश्न कापी करने का आरोप लगाते हुए यह परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. याचिका में हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से एचसीएस की भर्ती के लिए फरवरी में जारी में जारी विज्ञापन में विरोधाभासी निर्देशों को लेकर भी सवाल उठ खड़े किए हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी भर्ती पर HC ने लगाई रोक, HPSC ने किया था भर्ती के नियमों में बदलाव

चंडीगढ़: हरियाणा सिविल सर्विस की 100 पदों के लिए 21 मई को हुई प्रारंभिक परीक्षा में 32 सवाल पिछली परीक्षा के आने के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसका हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया है. बहस के दौरान याची पक्ष के वकील रविंद्र सिंह ढुल ने कोर्ट को बताया कि केवल आठ महीने पहले हुई परीक्षा के प्रश्न इस परीक्षा में कापी करना बड़ा हास्यपद है. इससे पहले भी एक परीक्षा में हरियाणा लोक सेवा आयोग ने मध्य प्रदेश की एक परीक्षा के लगभग एक तिहाई सवाल कापी किए थे.

एचसीएस पेपर के मुद्दे पर बोले मुख्यमंत्री मनोहर लाल: एचसीएस की परीक्षा में प्रश्नों कि रिपीटेशन को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने कहा कि यह मामला कोर्ट में है और कोर्ट इसको लेकर कोर्ट जो भी आदेश देगी, उसका पालन किया जाएगा. साथ ही उन्होंने कहा कि एचपीएससी एक स्वतंत्र संस्था है, इसलिए वह खुद भी इसका फैसला ले सकती है. अगर हमारा सुझाव पूछा जाए तो हम यह सुझाव दे सकते हैं कि 38 प्रश्नों की रिपीटेशन की गई थी, अगर एसपीएससी चाहे तो बाकी बचे 62 प्रश्नों के आधार पर भी परिणाम जारी कर सकती है. लेकिन, यह एचपीएससी को देखना है कि वह इस मामले का हल किस तरह से निकालती है, या कोर्ट के आदेश का इंतजार किया जाता है.

याची पक्ष के वकील रविंद्र सिंह ढुल की दलील: रविंद्र सिंह ढुल ने कहा कि इस तरह की परीक्षा योग्य उम्मीदवारों के साथ एक मजाक है. इस पर सरकार की तरफ से पेश एडवोकेट जनरल ने बेंच को आश्वासन दिया कि सरकार याचिकर्ता पक्ष की सभी मांग पर उचित निर्णय लेगी और उनको दूर करेगी. इस पर कोर्ट ने कहा कि सरकार को इसके लिए कितना समय चाहिये, सरकार की तरफ से इसके लिए एक महीने के समय की मांग की गई. जबकि याची पक्ष ने कहा कि वह दस दिन के भीतर अपनी प्रस्तुतिकरण आयोग के सामने पेश कर देगा.

परीक्षा परिणाम पर रोक: हाईकोर्ट के जस्टिस सुवीर सहगल ने याचिका का निपटारा करते हुए आयोग को आदेश दिया कि वो इस मामले में याचिकाकर्ता द्वारा दी गई प्रस्तुतिकरण पर निर्णय लेकर उचित आदेश जारी करे. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि जब तक प्रस्तुतिकरण पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता, तब तक आयोग हरियाणा सिविल सर्विस (एचसीएस) की कार्यकारी शाखा प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी नहीं करेगा.

इन्होंने की थी परीक्षा रद्द करने की मांग: इस मामले में जींद निवासी अंकुर कुमार और अन्य अभ्यर्थियों ने सिविल सर्विस एप्टीट्यूड टेस्ट में पिछले साल की परीक्षा के लगभग एक तिहाई प्रश्न कापी करने का आरोप लगाते हुए यह परीक्षा रद्द करने की मांग की थी. याचिका में हरियाणा लोक सेवा आयोग की ओर से एचसीएस की भर्ती के लिए फरवरी में जारी में जारी विज्ञापन में विरोधाभासी निर्देशों को लेकर भी सवाल उठ खड़े किए हैं.

ये भी पढ़ें: हरियाणा में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी भर्ती पर HC ने लगाई रोक, HPSC ने किया था भर्ती के नियमों में बदलाव

Last Updated : Jun 1, 2023, 3:13 PM IST
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