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प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री राव नरबीर पर फर्जी डिग्री का आरोप, HC ने मांगा जवाब - हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने नोटिस देकर राव नरबीर से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जाए?

मंत्री नरबीर पर फर्जी डिग्री का आरोप, HC ने मांगा जवाब
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Published : Jul 25, 2019, 3:05 PM IST

चंडीगढ़: कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की तरफ से चुनाव शपथ पत्र में दी गई शैक्षणिक योग्यता की जानकारी का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच चुका है. आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढींगरा की तरफ से दायर की गई याचिका में राव नरबीर सिंह पर झूठे शैक्षणिक पत्र दाखिल करने का आरोप लगा है.

HC ने राव नरबीर से जवाब मांगा
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने नोटिस देकर राव नरबीर से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जाए ?

शैक्षणिक योग्यता झूठी बताने का आरोप
याचिका के मुताबिक हरिंदर ढींगरा ने 2017 में मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी. 1 दिसंबर 2018 को उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली.

ढींगरा के मुताबिक राव नरवीर ने 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़े और शपथ पत्र दाखिल किए. उन्होंने 2005 में शपथपत्र दाखिल किया कि 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से की है. 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से की है.

याचिका में लगाए गए कई आरोप
इसके साथ ही याचिका में आरोप लगाया गया कि राव नरबीर ने 1986 में हिंदी साहित्य में हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ग्रेजुएशन करने की बात कही है. ढींगरा के अनुसार हिंदी साहित्य सम्मेलन को विश्वविद्यालय या बोर्ड की मान्यता नहीं है.

चंडीगढ़: कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की तरफ से चुनाव शपथ पत्र में दी गई शैक्षणिक योग्यता की जानकारी का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट पहुंच चुका है. आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढींगरा की तरफ से दायर की गई याचिका में राव नरबीर सिंह पर झूठे शैक्षणिक पत्र दाखिल करने का आरोप लगा है.

HC ने राव नरबीर से जवाब मांगा
याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट ने नोटिस देकर राव नरबीर से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जाए ?

शैक्षणिक योग्यता झूठी बताने का आरोप
याचिका के मुताबिक हरिंदर ढींगरा ने 2017 में मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी. 1 दिसंबर 2018 को उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली.

ढींगरा के मुताबिक राव नरवीर ने 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़े और शपथ पत्र दाखिल किए. उन्होंने 2005 में शपथपत्र दाखिल किया कि 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से की है. 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से की है.

याचिका में लगाए गए कई आरोप
इसके साथ ही याचिका में आरोप लगाया गया कि राव नरबीर ने 1986 में हिंदी साहित्य में हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ग्रेजुएशन करने की बात कही है. ढींगरा के अनुसार हिंदी साहित्य सम्मेलन को विश्वविद्यालय या बोर्ड की मान्यता नहीं है.

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हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की तरफ से चुनाव शपथ पत्र में दी गई शैक्षणिक योग्यता की जानकारी का मामला पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट पहुँच चुका है । आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढींगरा की तरफ से दायर की गई इस याचिका में हरिंदर ढींगरा ने राव नरबीर सिंह पर झूठे शैक्षणिक पत्र दाखिल करने का आरोप लगया है । याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा के मंत्री राव नरवीर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है । याचिकाकर्ता के अनुसार कोर्ट ने नोटिस देकर राव नरबीर से पूछा है क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलाया जाए । Body:वीओ -
आरटीआई कार्यकर्ता हरिंदर ढीगरा की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने हरियाणा के कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है । उन्होंने आरोप लगाया है कि राव नरबीर ने झूठे शैक्षणिक पत्र दाखिल किए है । याचिका के अनुसार हरिंदर ढींगरा ने 2017 में मंत्री राव नरबीर की शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मांगी थी । 1 दिसंबर 2018 को उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली । ढींगरा के अनुसार राव नरवीर ने 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़े और शपथ पत्र दाखिल किए । उन्होंने 2005 में शपथपत्र दाखिल किया कि 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से की है । 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर, नैनीताल से की है । उन्होंने 1986 में हिंदी साहित्य में हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ग्रेजुएशन करने की बात कही है । ढींगरा के अनुसार हिंदी साहित्य सम्मेलन को विश्वविद्यालय या बोर्ड की मान्यता नहीं है । Conclusion:याचिकाकर्न हरिंदर ढींगरा ने गुडगांव कोर्ट में भी इसको लेकर याचिका दायर की थी लेकिन गुडगांव कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी । अब ढींगरा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है ।
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