चंडीगढ़: हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय राष्ट्रीय लोक दल (आईएनएलडी) के अध्यक्ष ओम प्रकाश चौटाला को जेल जाने के बाद भी मिल रही पेंशन का मामला गहराता जा रहा है.
ओपी चौटाला व अन्य की पेंशन रोकने की याचिका मंगलवार को कोर्ट के समक्ष रखी गई. इस पर लगभग 3 घंटे लंबी बहस हुई. फिलहाल हाईकोर्ट ने सुनवाई सोमवार तक टाल दी है.
गौरतलब है कि यचिका में ओपी चौटाला के अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सतबीर सिंह कादियान, पूर्व विधायक अजय चौटाला और शेर सिंह बड़शामी को सजा होने के बाद भी मिल रही पेंशन को चुनौती दी गई है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि याची का कहना है कि भ्रष्टाचार निरोधक एक्ट के तहत सजा होने के बाद इन सभी नेताओं को पेंशन जारी रखना गैर कानूनी है और जनता के पैसे का दुरुपयोग है. वो हाईकोर्ट में बहस के दौरान भी कह चुके हैं कि हरियाणा विधानसभा की धारा 7-ए (1-ए) (वेतन, भत्ता और सदस्यों की पेंशन) अधिनियम, 1975 के तहत अगर किसी विधायक को अदालत दोषी करार देकर सजा सुना दे तो वे पेंशन के अयोग्य हैं.
इस मामले में ओपी चौटाला और उनके बेटे हैं बंद
हरियाणा के पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला और उनके बेटे अजय चौटाला को साल 2013 में ट्रायल कोर्ट ने साल 2000 में हरियाणा में हुई 3206 जूनियर बेसिक ट्रेन्ड टीचर भर्ती में घोटाले का दोषी पाया था. सुप्रीम कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को सही पाते हुए उनकी सजा को बरकरार रखा था. ओमप्रकाश चौटाला को 2 लाख 15 हजार 430 रुपये पेंशन मिल रही है. इसके अलावा अजय चौटाला को 50 हजार एक सौ रुपये हर महीने पेंशन मिल रही है.
कौन हैं सतबीर कादियान और कैसे पहुंचे जेल
लैंड मॉरगेजबैंक के लैंड वेल्युएशन ऑफिसर (एलवीओ) से हरियाणा विधानसभा स्पीकर के शिखर तक पर पहुंचे 67 वर्षीय इनेलो के सीनियर नेता सतबीर कादियान ने कॉलेज में रात को क्लास कर कानून की डिग्री हासिल की. इसी एलएलबी ने उनके विधानसभा स्पीकर बनने में मदद की, लेकिन वही कानून के जानकार सतबीर कादियान भ्रष्टाचार के आरोप में तिहाड़ जेल पहुंच गए. पूर्वी दिल्ली स्थित कड़कड़डूमा की सीबीआई की विशेष अदालत ने कादियान को 7 साल की कैद और 50 लाख रुपए का जुर्माना सुनाया है.
शेर सिंह बड़शामी भी काट रहे हैं 10 साल की सजा
पूर्व विधायक शेर सिंह बड़शामी को भी 50 हजार 100 रुपये हर महीने पेंशन दी जा रही है. जबकि वो भी टीचर भर्ती में घोटाले मामले में दस साल की सजा पा चुके हैं.