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आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड को हाईकोर्ट का झटका, कोर्ट ने याचिका खारिज की - कंपनी

मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. जिसके बाद से चंड़ीगढ़ नगर निगम को बड़ी राहत मिली है.

हरियाणा हाईकोर्ट
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Published : Feb 26, 2019, 8:01 PM IST

चंड़ीगढ़: नगर निगम द्वारा शहर की 25 पार्किंग और एक मल्टीलेवल पार्किंग का ठेका रद्द करने के आदेश को आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. जिसके कारण आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड को बड़ा झटका लगा है.

Haryana high Court
हरियाणा हाईकोर्ट

बता दें कि मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. जिसके बाद से चंड़ीगढ़ नगर निगम को बड़ी राहत मिली है.

ये है पूरा मामला

कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसे उसे जून 2017 में शहर की 25 पेड पार्किंग व 1 मल्टी लेवल पार्किंग को चलाने का ठेका दिया गया था. ठेका देते हुए शर्त रखी गई थी कि वेंडरों को पहले हटाया जाएगा और बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा. लेकिन यह दोनो काम नहीं किए गए, जिसके चलते कंपनी को शुरू से ही नुकसान होता रहा.

इस बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई और इसके चलते पार्किंग की राशि में बढ़ोत्तरी की गई. हालांकि इसके बावजूद भी अवैध पार्किंग के कारण याची कंपनी को नुकसान होता रहा. बार-बार शिकायतों के बावजूद भी अवैध पार्किंग पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.

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निगम ने साल 2018 के जुलाई में भी किया था ठेका रद्द

इससे पहले जुलाई 2018 मे भी कंपनी का ठेका निगम ने रद्द कर दिया था. उस दौरान कंपनी ने भुगतान किया था, जिसके चलते ठेका दोबारा याची कंपनी को मिल गया. वहीं 19 दिसंबर 2018 से 18 मार्च 2019 तक के लिए 3.76 करोड़ की डिमांड की गई, तो याची ने इसके लिए समय मांगा.

बार-बार समय मांगने के बावजूद भी अंतिम मौका 14 फरवरी तक दिया गया. कंपनी ने 50-50 लाख के दो चेक निगम को दिए. इनको 18 फरवरी के बाद लगाने को कहा गया, लेकिन यह 15 को ही लगा दिए गए. ऐसे में फंड की कमी के कारण कैश नहीं हो पाए.

जिस पर निगम ने 18 फरवरी को ठेका रद्द करने का आदेश जारी कर दिया और 19 फरवरी को पार्किंग का कब्जा ले लिया. याची ने पार्किंग का कब्जा वापस दिलाने और ठेका वापस कंपनी को सौंपने के लिए निर्देश दिए जाने की याचिका में अपील की गई थी.

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चंड़ीगढ़: नगर निगम द्वारा शहर की 25 पार्किंग और एक मल्टीलेवल पार्किंग का ठेका रद्द करने के आदेश को आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस याचिका को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. जिसके कारण आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड को बड़ा झटका लगा है.

Haryana high Court
हरियाणा हाईकोर्ट

बता दें कि मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. जिसके बाद से चंड़ीगढ़ नगर निगम को बड़ी राहत मिली है.

ये है पूरा मामला

कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसे उसे जून 2017 में शहर की 25 पेड पार्किंग व 1 मल्टी लेवल पार्किंग को चलाने का ठेका दिया गया था. ठेका देते हुए शर्त रखी गई थी कि वेंडरों को पहले हटाया जाएगा और बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा. लेकिन यह दोनो काम नहीं किए गए, जिसके चलते कंपनी को शुरू से ही नुकसान होता रहा.

इस बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई और इसके चलते पार्किंग की राशि में बढ़ोत्तरी की गई. हालांकि इसके बावजूद भी अवैध पार्किंग के कारण याची कंपनी को नुकसान होता रहा. बार-बार शिकायतों के बावजूद भी अवैध पार्किंग पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.

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निगम ने साल 2018 के जुलाई में भी किया था ठेका रद्द

इससे पहले जुलाई 2018 मे भी कंपनी का ठेका निगम ने रद्द कर दिया था. उस दौरान कंपनी ने भुगतान किया था, जिसके चलते ठेका दोबारा याची कंपनी को मिल गया. वहीं 19 दिसंबर 2018 से 18 मार्च 2019 तक के लिए 3.76 करोड़ की डिमांड की गई, तो याची ने इसके लिए समय मांगा.

बार-बार समय मांगने के बावजूद भी अंतिम मौका 14 फरवरी तक दिया गया. कंपनी ने 50-50 लाख के दो चेक निगम को दिए. इनको 18 फरवरी के बाद लगाने को कहा गया, लेकिन यह 15 को ही लगा दिए गए. ऐसे में फंड की कमी के कारण कैश नहीं हो पाए.

जिस पर निगम ने 18 फरवरी को ठेका रद्द करने का आदेश जारी कर दिया और 19 फरवरी को पार्किंग का कब्जा ले लिया. याची ने पार्किंग का कब्जा वापस दिलाने और ठेका वापस कंपनी को सौंपने के लिए निर्देश दिए जाने की याचिका में अपील की गई थी.

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Intro:आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड को हाई कोर्ट का झटका, हाई कोर्ट ने याचिका खारिज की


 चंड़ीगढ़ में पार्किंग ठेका रद्द करने के आदेश को आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड ने दी थी हाईकोर्ट में चुनौती 


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चंडीगढ़। 


चंड़ीगढ़ नगर निगम द्वारा शहर की 25 पार्किंग और एक मल्टीलेवल पार्किंग का ठेका रद्द करने के आदेश को आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।

मंगलवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पर आधारित बेंच ने याचिका खारिज करते हुए आर्य टोल इंफ्रा लिमिटेड को बड़ा झटका देते हुए चंड़ीगढ़ नगर निगम को बड़ी राहत दी।


कंपनी ने हाई कोर्ट को बताया था कि उसे उसे जून 2017 में शहर की 25 पेड पार्किंग व 1 मल्टी लेवल पार्किंग को चलाने का ठेका दिया गया था। ठेका देते हुए शर्त थी कि वेंडरों को पहले हटाया जाएगा और बिजली का कनेक्शन दिया जाएगा। यह दोनो काम नहीं किए गए जिसके चलते कंपनी को शुरू से ही नुक्सान होता रहा। इस बीच कंपनी की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई और इसके चलते पार्किंग की राशि में बढ़ोत्तरी की गई। हालांकि इसके बावजूद भी अवैध पार्किंग के कारण याची कंपनी को नुक्सान होता रहा। बार-बार शिकायतों के बावजूद भी अवैध पार्किंग पर कोई एक्शन नहीं लिया गया। इससे पहले जुलाई 2018 मे भी कंपनी का ठेका निगम ने रद्द कर दिया था। उस दौरान कंपनी ने भुगतान किया था जिसके चलते ठेका दोबारा याची कंपनी को मिल गया। अब जब 19 दिसंबर 2018 से 18 मार्च 2019 तक के लिए 3.76 करोड़ की डिमांड की गई तो याची ने इसके लिए समय मांगा। बार-बार समय मांगने के बावजूद भी अंतिम मौका 14 फरवरी तक का दिया गया। कंपनी ने 50-50 लाख के दो चेक निगम को दिए। इनको 18 फरवरी के बाद लगाने को कहा गया लेकिन यह 15 को ही लगा दिए गए। ऐसे में फंड की कमी के कारण कैश नहीं हो पाए। निगम ने इसपर 18 फरवरी को ठेका रद्द करने का आदेश जारी कर दिया और 19 फरवरी को पार्किंग का कब्जा ले लिया। याची ने पार्किंग का कब्जा वापिस दिलाने ओर ठेका वापिस कंपनी को सौंपने के लिए निर्देश दिए जाने की याचिका में अपील की थी।






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