चंडीगढ़: पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट में जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस करमजीत सिंह की खंडपीठ ने हरियाणा सरकार से पूछा कि क्या राज्य में आपात स्तिथि से निपटने के लिए जिलों के बीच तालमेल के लिए कोई नोडल एजेंसी है? टोल फ्री नंबर 1045 क्या ऑपरेशनल है? हरियाणा सरकार की तरफ से जबाब दायर करने के लिए समय दिए जाने की मांग पर हाई कोर्ट ने जल्द से जल्द जबाब दायर करने के निर्देश दिए थे.
एमिकस क्यूरी रुपिंदर खोसला ने पहले कोर्ट में कहा था कि कोरोना से हालात बिगड़ रहे हैं. मौजूदा परिस्थितियां बेहद चिंताजनक है. ऐसे में कोर्ट को इस मामले में तत्काल दखल देना चाहिए. सरकार के दिशा-निर्देशों की खुलेआम अनदेखी हो रही है. सार्वजनिक जगहों पर खूब भीड़ है. अस्पतालों में जगह नहीं है.
सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की तरफ से कोर्ट में दावा किया गया कि राज्य ने ऑक्सीजन की आपूर्ति 136 एमटी तक बढ़ा दी गई है. बता दे पंजाब के मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि राज्य में ऑक्सिजन की आपूर्ति में कमी है. पंजाब ऑक्सिजन आपूर्ति की कमी झेल रहा है. बावजूद इसके वो इसे बनाने में पूरी तरह से सक्षम है.
ये है मामला
जेल में बंद एक कैदी की तरफ से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया कि 27 दिसंबर 2020 को वो जेल में कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. उसे पंचकूला के सेक्टर 12 स्तिथ क्वारंटीन सेंटर में रखा गया, लेकिन मेडिकल ऑथोरिटी की तरफ से आगे उसका कोई इलाज नहीं किया गया.
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हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए जेल में कैदियों के लिए मास्क की व्यवस्था किए जाने पर जवाब मांगा था. वहीं सेहत में सुधार होने पर कैदी को वापस जेल भेज दिया गया था. हाई कोर्ट ने इस पर हरियाणा सरकार के वकील से पूछा था कि लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक करने की दिशा में क्या प्रयास किए जा रहे हैं?