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मेरठ: डॉन बदन सिंह बद्दो को लेकर हाईकोर्ट नाराज, समाजसेवी की याचिका पर लिया संज्ञान

हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि मेरठ से फरार हुए कुख्यात एवं ढाई लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो को गिरफ्तार करने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं. इसके अलावा हाईकोर्ट ने प्रमुख गृह सचिव को अपना एफिडेविट फाइल करने के भी निर्देश दिए हैं.

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डॉन बदन सिंह बद्दो को लेकर हाईकोर्ट नाराज, समाजसेवी की याचिका पर लिया संज्ञान
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Published : Nov 5, 2020, 10:47 PM IST

मेरठ/चंडीगढ़: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बदमाशों पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है. वहीं पुलिस कस्टडी से फरार हुए बदमाश न सिर्फ सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर अपडेट रहकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. यही वजह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ से फरार ढाई लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो को लेकर सख्त नाराजगी जताई है.

कौन है बदन सिंह बद्दो?
बदन सिंह बद्दो कभी ट्रक का दबंग ड्राइवर हुआ करता था. सन 1980 के दरमियान वह लोगों के साथ न सिर्फ दबंगई से पेश आता था, बल्कि ऊंची आवाज में बोलने वालों के साथ मारपीट भी कर देता था. धीरे-धीरे बदन सिंह की हरकतें इतनी बढ़ गईं कि छोटे-मोटे बदमाशों में गिनती होने लगी. इसके बाद बद्दो ने दिल्ली और हरियाणा से मेरठ में शराब की तस्करी के साथ बड़ा नेटवर्क बना लिया.

डॉन बदन सिंह बद्दो को लेकर हाईकोर्ट नाराज, समाजसेवी की याचिका पर लिया संज्ञान

लगातार करता गया हत्या
1988 में बदन सिंह बद्दो ने मेरठ के गुदड़ी बाजार में राजकुमार नाम के व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या कर दी, जिसके बाद बदन सिंह के खिलाफ हत्या का पहला मुकदमा दर्ज किया गया. 1996 में उसने मेरठ के प्रसिद्द वकील रविन्द्र गुर्जर की हत्या कर दी थी, जो सुर्खियों में थी. 2011 में जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर और 2012 में केबिल मैनेजर पवित्र मैत्रेय को मौत के घाट उतार दिया था. बदन सिंह बद्दो के खिलाफ एक के बाद एक 30 से ज्यादा आपराधिक मामलों में मुकदमे चल रहे हैं.

फिल्मी डॉन की तरह महंगी कारों का शौकीन
जानकारी के मुताबिक पश्चमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपराध का बादशाह बन चुका बदन सिंह बद्दो लग्जरी लाइफ स्टाइल में रहता है. फिल्मी विलेन की तरह बीएमडब्लू, मर्सडीज, ऑडी जैसी महंगी कारों का शौकीन है. इसके अलावा बदन सिंह को महंगी अगूंठीया और सूट पहनने का भी शौक है.

29 मार्च 2019 को पुलिस कस्टडी से हुआ फरार
1996 में वकील रविन्द्र गुर्जर की हत्या के मामले में गाजियाबाद कोर्ट ने 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट के आदेश के बाद फतेहगढ़ जेल में 2 साल की सजा काटी थी. एक अन्य मामले में पुलिस ने बदन सिंह को गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया था. पेशी के बाद बदन सिंह बद्दो ने पुलिस को मेन रास्ते की बजाए मेरठ को जाने के लिए तैयार कर लिया. जहां पुलिसकर्मी बद्दो को मेरठ के होटल मुकुट महल लेकर पहुंची. बताया जा रहा है इस होटल में बदन सिंह बद्दो की पार्टनरशिप थी, जिसके चलते होटल में पुलिसकर्मियों की खूब खातिरदारी हुई. शाही खाने के साथ-साथ शराब भी पिलाई गई, जिससे सभी पुलिसकर्मी शराब के नशे में धुत हो गए. इसका फायदा उठाकर इनामी बदमाश होटल से फरार हो गया.

याचिकाकर्ता ने खड़े किए सवाल
मेरठ के अभिषेक सोम ने इनामी बदमाश के फरार होने पर पुलिस पर सवाल खडे़ करते हुए हाईकोर्ट इलाहाबाद में याचिका दायर की थी. अभिषेक सोम ने याचिका में कहा है कि बदन सिंह बद्दो को उम्रकैद की सजा मिली है, लेकिन पिछले साल 28 मार्च को पुलिस कस्टडी से फरार चल रहा है, उसे पकड़ने में पुलिस और प्रदेश सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. याचिकाकर्ता के मुताबिक बदन सिंह बद्दो सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट एवं स्टेटस अपडेट करता रहता है. बावजूद इसके सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कोई एक्शन नही लिया. याचिका में ये भी आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक संबंधों के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है.

हाईकोर्ट ने याचिका का संज्ञान लेकर मांगा जवाब
अभिषेक सोम की याचिका का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने प्रधान गृह सचिव को बदन सिंह की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. बदन सिंह बद्दो की गिरफ्तारी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी मांगी है. हालांकि, सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि बदन सिंह की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स टीम गठित की गई है. जल्द ही बदन सिंह को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं हाईकोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की है.

याचिका के आधार पर मांगे गए जवाब में सरकार हाईकोर्ट में क्या दलील पेश करती है. यह कहना तो अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है. बदन सिंह बद्दो की तलाश के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.

ये भी पढ़ें: जहरीली शराब मामला: 7 अलग-अलग थानों में FIR दर्ज और 7 लोग गिरफ्तार

मेरठ/चंडीगढ़: एक ओर जहां उत्तर प्रदेश की योगी सरकार बदमाशों पर अंकुश लगाने के दावे कर रही है. वहीं पुलिस कस्टडी से फरार हुए बदमाश न सिर्फ सरकार के दावों की पोल खोल रहे हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर अपडेट रहकर पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. यही वजह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ से फरार ढाई लाख के इनामी बदमाश बदन सिंह बद्दो को लेकर सख्त नाराजगी जताई है.

कौन है बदन सिंह बद्दो?
बदन सिंह बद्दो कभी ट्रक का दबंग ड्राइवर हुआ करता था. सन 1980 के दरमियान वह लोगों के साथ न सिर्फ दबंगई से पेश आता था, बल्कि ऊंची आवाज में बोलने वालों के साथ मारपीट भी कर देता था. धीरे-धीरे बदन सिंह की हरकतें इतनी बढ़ गईं कि छोटे-मोटे बदमाशों में गिनती होने लगी. इसके बाद बद्दो ने दिल्ली और हरियाणा से मेरठ में शराब की तस्करी के साथ बड़ा नेटवर्क बना लिया.

डॉन बदन सिंह बद्दो को लेकर हाईकोर्ट नाराज, समाजसेवी की याचिका पर लिया संज्ञान

लगातार करता गया हत्या
1988 में बदन सिंह बद्दो ने मेरठ के गुदड़ी बाजार में राजकुमार नाम के व्यक्ति की दिनदहाड़े हत्या कर दी, जिसके बाद बदन सिंह के खिलाफ हत्या का पहला मुकदमा दर्ज किया गया. 1996 में उसने मेरठ के प्रसिद्द वकील रविन्द्र गुर्जर की हत्या कर दी थी, जो सुर्खियों में थी. 2011 में जिला पंचायत सदस्य संजय गुर्जर और 2012 में केबिल मैनेजर पवित्र मैत्रेय को मौत के घाट उतार दिया था. बदन सिंह बद्दो के खिलाफ एक के बाद एक 30 से ज्यादा आपराधिक मामलों में मुकदमे चल रहे हैं.

फिल्मी डॉन की तरह महंगी कारों का शौकीन
जानकारी के मुताबिक पश्चमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अपराध का बादशाह बन चुका बदन सिंह बद्दो लग्जरी लाइफ स्टाइल में रहता है. फिल्मी विलेन की तरह बीएमडब्लू, मर्सडीज, ऑडी जैसी महंगी कारों का शौकीन है. इसके अलावा बदन सिंह को महंगी अगूंठीया और सूट पहनने का भी शौक है.

29 मार्च 2019 को पुलिस कस्टडी से हुआ फरार
1996 में वकील रविन्द्र गुर्जर की हत्या के मामले में गाजियाबाद कोर्ट ने 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट के आदेश के बाद फतेहगढ़ जेल में 2 साल की सजा काटी थी. एक अन्य मामले में पुलिस ने बदन सिंह को गाजियाबाद कोर्ट में पेश किया था. पेशी के बाद बदन सिंह बद्दो ने पुलिस को मेन रास्ते की बजाए मेरठ को जाने के लिए तैयार कर लिया. जहां पुलिसकर्मी बद्दो को मेरठ के होटल मुकुट महल लेकर पहुंची. बताया जा रहा है इस होटल में बदन सिंह बद्दो की पार्टनरशिप थी, जिसके चलते होटल में पुलिसकर्मियों की खूब खातिरदारी हुई. शाही खाने के साथ-साथ शराब भी पिलाई गई, जिससे सभी पुलिसकर्मी शराब के नशे में धुत हो गए. इसका फायदा उठाकर इनामी बदमाश होटल से फरार हो गया.

याचिकाकर्ता ने खड़े किए सवाल
मेरठ के अभिषेक सोम ने इनामी बदमाश के फरार होने पर पुलिस पर सवाल खडे़ करते हुए हाईकोर्ट इलाहाबाद में याचिका दायर की थी. अभिषेक सोम ने याचिका में कहा है कि बदन सिंह बद्दो को उम्रकैद की सजा मिली है, लेकिन पिछले साल 28 मार्च को पुलिस कस्टडी से फरार चल रहा है, उसे पकड़ने में पुलिस और प्रदेश सरकार ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई है. याचिकाकर्ता के मुताबिक बदन सिंह बद्दो सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट एवं स्टेटस अपडेट करता रहता है. बावजूद इसके सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए कोई एक्शन नही लिया. याचिका में ये भी आरोप लगाया गया है कि राजनीतिक संबंधों के कारण उसकी गिरफ्तारी नहीं की जा रही है.

हाईकोर्ट ने याचिका का संज्ञान लेकर मांगा जवाब
अभिषेक सोम की याचिका का संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने प्रधान गृह सचिव को बदन सिंह की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. बदन सिंह बद्दो की गिरफ्तारी के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी मांगी है. हालांकि, सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि बदन सिंह की गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टास्क फोर्स टीम गठित की गई है. जल्द ही बदन सिंह को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं हाईकोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 23 नवंबर की तारीख तय की है.

याचिका के आधार पर मांगे गए जवाब में सरकार हाईकोर्ट में क्या दलील पेश करती है. यह कहना तो अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है. बदन सिंह बद्दो की तलाश के दावे तो किए जा रहे हैं, लेकिन कैमरे के सामने कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है.

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