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रोहतक गैंगरेप मामले में 'सुप्रीम' फैसला, निचली अदालत के मौत के फैसले पर रोक - फैसले पर रोक

मामले में सेशन कोर्ट ने दोषियों को मौत की सजा सुनाई थी. हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में फैसले को चुनौती दी थी.

रोहतक गैंगरेप मामले पर 'सुप्रीम' सुनवाई, निचली अदालत के मौत के फैसले पर लगाई रोक
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Published : Jul 4, 2019, 5:19 PM IST

दिल्ली/चंडीगढ़: रोहतक में नेपाली मूल की मानसिक रूप से कमजोर लड़की की गैंगरेप और हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान निचली अदालत की ओर से दोषियों को दी गई मृत्युदंड की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है.

क्या है मामला ?
फरवरी 2015 में रोहतक में नेपाली मूल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. बाद में दोषियों ने पीड़िता की निर्मम हत्या कर दी. मामले में पदम, सुनील, सरवर, पवन, मनबीर और राजेश को दोषी मानते हुए सेशन कोर्ट ने सजा-ए-मौत सुनाई. दोषियों ने सेशन कोर्ट के फैसले को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी. यहां भी हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.

ये भी पढ़े: 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का मामला: HC ने रोकी सीबीआई कोर्ट की सुनवाई, 20 जुलाई को अगली सुनवाई

दोषियों ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद दोषियों ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जिसपर अब सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार को मामले में नोटिस जारी किया है.

दिल्ली/चंडीगढ़: रोहतक में नेपाली मूल की मानसिक रूप से कमजोर लड़की की गैंगरेप और हत्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान निचली अदालत की ओर से दोषियों को दी गई मृत्युदंड की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट की ओर से राज्य सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है.

क्या है मामला ?
फरवरी 2015 में रोहतक में नेपाली मूल की लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. बाद में दोषियों ने पीड़िता की निर्मम हत्या कर दी. मामले में पदम, सुनील, सरवर, पवन, मनबीर और राजेश को दोषी मानते हुए सेशन कोर्ट ने सजा-ए-मौत सुनाई. दोषियों ने सेशन कोर्ट के फैसले को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी. यहां भी हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.

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दोषियों ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद दोषियों ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. जिसपर अब सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसले पर रोक लगा दी है. साथ ही राज्य सरकार को मामले में नोटिस जारी किया है.

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