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ड्राइवर का लाइसेंस अवैध तो भी बीमा कंपनी को करना होगा क्लेम का भुगतानः HC - पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट

पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने अवैध ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर ड्राइवर का लाइसेंस अवैध हो तो बीमा कंपनी को बीमा राशि का भुगतान करना होगा.

पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट
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Published : Apr 13, 2019, 9:20 PM IST

चंडीगढ़ः पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने अवैध ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर ड्राइवर का लाइसेंस अवैध हो तो बीमा कंपनी को बीमा राशि का भुगतान करना होगा. अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा कि लाइसेंस अवैध होने की दलील देते हुए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है.

मामला 1996 का है जब एक ट्रक चालक की हादसे में मौत हो गई थी. मृतक की होशियारपुर निवासी पत्नी को क्लेम की राशि का भुगतान करने के आदेश दिए गए थे. इस आदेश को चुनौती देते हुए कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बीमा कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए बाध्य नहीं है क्योंकि ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस नहीं था.

कंपनी ने ये भी कहा कि क्लेम राशि देने की स्थिति में उसे वाहन मालिक से रिकवरी का अधिकार दिया जाए. हाई कोर्ट ने केस से जुड़े विभिन्न पहलुओं को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी को ड्राइवर के साथ हुए हादसे की स्थिति में भुगतान करना ही होगा. लाइसेंस सही न होने, फर्जी होने या वैध न होने की दलील देते हुए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती.

साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी की ये दलील की उसे क्लेम भुगतान करने के बाद वाहन मालिक की रिकवरी का अधिकार देने की अपील भी नहीं मानी जा सकती है. इस मामले में बीमा कंपनी के खिलाफ फैसला देते हुए हाई कोर्ट ने बीमा कंपनी की अपील खारिज कर दी.

चंडीगढ़ः पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने अवैध ड्राइविंग लाइसेंस के मामले में अहम फैसला सुनाया है. हाई कोर्ट ने कहा कि अगर ड्राइवर का लाइसेंस अवैध हो तो बीमा कंपनी को बीमा राशि का भुगतान करना होगा. अपने फैसले में हाई कोर्ट ने कहा कि लाइसेंस अवैध होने की दलील देते हुए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है.

मामला 1996 का है जब एक ट्रक चालक की हादसे में मौत हो गई थी. मृतक की होशियारपुर निवासी पत्नी को क्लेम की राशि का भुगतान करने के आदेश दिए गए थे. इस आदेश को चुनौती देते हुए कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बीमा कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए बाध्य नहीं है क्योंकि ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस नहीं था.

कंपनी ने ये भी कहा कि क्लेम राशि देने की स्थिति में उसे वाहन मालिक से रिकवरी का अधिकार दिया जाए. हाई कोर्ट ने केस से जुड़े विभिन्न पहलुओं को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी को ड्राइवर के साथ हुए हादसे की स्थिति में भुगतान करना ही होगा. लाइसेंस सही न होने, फर्जी होने या वैध न होने की दलील देते हुए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती.

साथ ही हाई कोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी की ये दलील की उसे क्लेम भुगतान करने के बाद वाहन मालिक की रिकवरी का अधिकार देने की अपील भी नहीं मानी जा सकती है. इस मामले में बीमा कंपनी के खिलाफ फैसला देते हुए हाई कोर्ट ने बीमा कंपनी की अपील खारिज कर दी.

Intro:वाहन चालक का लाईसेंस अवैध तो भी बीमा कंपनी को करना होगा क्लेम का भुगतान 

-लाईसेंस फर्जी व अवैध होने की दलील देकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती बीमा कंपनी 

-क्लेम राशि भुगतान करने के बाद वाहन मालिक से इसकी रिकवरी का भी कंपनी को अधिकार नहीं:हाईकोर्ट 


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चंडीगढ़। 

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने एक बेहद अहम फैसला सुनाते हुए यह स्पष्टï कर दिया कि यदि ड्राईवर का लाईसेंस अवैध हो तो भी बीमा कंपनी को बीमा राशि का भुगतान करना होगा। अपने फैसले में हाईकोर्ट ने कहा कि लाईसेंस अवैध होने की दलील देते हुए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकती है। 

मामला 1996 का है जब एक ट्रक चालक की हादसे में मौत हो गई थी। मृतक की होशियारपुर निवासी पत्नी को क्लेम की राशि का भुगतान करने के आदेश दिए गए थे। इस आदेश को चुनौती देते हुए कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बीमा कंपनी ने अपनी याचिका में कहा कि बीमा कंपनी क्लेम देने के लिए बाध्य नहीं है क्योंकि ड्राईवर के पास वैध लाईसेंस नहीं था। कंपनी ने यह भी अपील की कि क्लेम राशि देने की स्थिति में उसे वाहन मालिक से रिकवरी का अधिकार दिया जाए। हाईकोर्ट ने केस से जुड़े विभिन्न पहलुओं को सुनने के बाद अपना फैसला सुनाते हुए यह स्पष्टï कर दिया कि बीमा कंपनी को ड्राईवर के साथ हुए हादसे की स्थिति में भुगतान करना ही होगा। लाईसेंस सही न होने, फर्जी होने या वैध न होने की दलील देते हुए बीमा कंपनी अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकती है। साथ ही हाईकोर्ट ने कहा कि बीमा कंपनी की यह दलील की उसे क्लेम भुगतान करने के बाद वाहन मालिक की रिकवरी का अधिकार देने की अपील भी नहीं मानी जा सकती है। इस मामले में बीमा कंपनी के खिलाफ फैसला देते हुए हाईकोर्ट ने बीमा कंपनी की अपील खारिज कर दी। 







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