चंडीगढ़: गुरुवार को एसवाईएल मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सतलुज यमुना लिंक विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा को फटकार लगाते हुए कहा कि दोनों राज्यों को मिलकर इसका हल निकालना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को भी इस मामले में सक्रिय भूमिका निभाने के निर्देश दिए हैं. मामले की अगली सुनवाई चार अक्तूबर को होगी.
एसवाईएल मामले में केंद्र सरकार कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान हलफनामा दाखिल कर चुकी है. जिसमें केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय और दोनों राज्य सरकारों के बीच हुई बैठकों का भी विवरण दिया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय, पंजाब और हरियाणा सरकारें बैठकर इस मुद्दे का हल निकालें. इसके बाद पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच 2 बैठकें इस मुद्दे को लेकर हुई लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है. उसके बाद फिर से मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया.
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केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जो हलफनामा दाखिल किया गया है उसमें ये भी कहा गया है कि हरियाणा और पंजाब सरकार के बीच बैठक के बाद भी सतलुज यमुना नहर विवाद पर कोई समाधान नहीं निकला पाया है. इसके साथ ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने कहा है कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है.
केंद्र के हलफनामे में ये भी लिखा गया है हरियाणा और पंजाब सरकार इस मामले में समाधान निकालने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके लिए उनको भविष्य में और समय देने की जरूरत है. दोनों राज्यों के बीच हुई बैठकों का ब्यौरा भी हलफमाने में शामिल है. अब देखना होगा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट केंद्र और दोनों राज्य सरकारों को कोई निर्देश देता है या फिर इस मामले में किसी फैसले पर पहुंचता है.
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