चंडीगढ़: हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा) के डिस्क्रिशनरी कोटे के तहत एक ही परिवार में एक से ज्यादा प्लाट लिए जाने के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से की जा रही करवाई को नाकाफी बताता. कोर्ट ने अब रिटायर्ड हाई कोर्ट जज की अध्यक्षता में जांच कमेटी के गठित किए जाने के आदेश दिए हैं.
इस कमेटी में पंजाब के रिटायर्ड सेशन जज समेत एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा. इनके नामों पर हाईकोर्ट अगली सुनवाई पर गौर करेगा.
जस्टिस दया चौधरी ने केटेगरी में बदलाव कर की गई गड़बड़ियों से जुड़ी 892 फाइलों की जांच अब इस कमेटी से करवाए जाने के आदेश दिए हैं. वहीं हाईकोर्ट ने कमेटी में किसे शामिल किया जाए उनके नामों के सुझाव भी सभी पक्षों से मांगें हैं, जिससे अगली सुनवाई पर कमेटी का गठन कर जांच शुरू करवा दी जाए.
सुनवाई के दौरान एक बार फिर याचिकाकर्ता के वकील ने पूरे मामले में रसूखदारों को बचाने के सरकार पर आरोप लगाए हैं. इससे पहले हाई कोर्ट को बताया गया था कि डिस्क्रिशनरी कोटे के तहत एक ही परिवार में एक से ज्यादा प्लाट की अलॉटमेंट जिनमें केटेगरी में बदलाव कर गड़बड़ियां की गई हैं.
इससे जुड़ी 892 फाइलों में से कुछ की जांच करने के बाद सामने आया है कि केटेगरी में बदलाव करने पर हुडा ने स्क्रूटनी में कोई आपत्ति नहीं उठाई. कई में नाम बदले गए हैं और कुछ के पन्ने गायब किए गए हैं. हाईकोर्ट ने मामले में हरियाणा सरकार और हुडा से जवाब मांगा है.
हाई कोर्ट को बताया गया था कि इनमें से कई मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन मामलों की जांच कर रहे एएसआई ने जब इस बारे में हुडा से जानकारी मांगी तो अभी तक हुडा की ओर से नहीं दी गई है. सेठी ने आरोप लगाया है कि ऐसा कर सरकार और हुडा इस मामले में रसूखदारों को बचाने की कोशिश कर रही है.