चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में टेलीकॉम नेटवर्क डैमेज किए जाने और जबरन स्टोर बंद कराए जाने के खिलाफ रिलायंस जिओ इन्फोकॉम लिमिटेड की याचिका पर सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान सोमवार को केंद्र सरकार और बाकी प्रतिवादियों की तरफ से जवाब दायर करने के लिए समय दिए जाने की मांग की गई है. इस पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 19 मार्च के लिए स्थगित कर दी.
पंजाब सरकार ने दाखिल किया जवाब
पंजाब सरकार की तरफ से सुनवाई के दौरान कोर्ट में कहा गया कि कंपनी की प्रॉपर्टी डैमेज करने से रोकने के लिए 27 जिलों में 1019 पेट्रोलिंग पार्टी के साथ 22 नोडल आफिसर नियुक्त किए गए. ऐसे में अब कंपनी बताएं कि नेटवर्क इन फर्स्ट अक्षर डैमेज करने में किसका हाथ है.
रिलायंस की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि पंजाब में उनकी 1560 प्रॉपर्टीज को डैमेज किया गया है. ऐसे में काम करने वाले उनके कर्मचारियों की जान-माल की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए. ये भी कहा गया कि इस संबंध में पंजाब के डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को भी रिप्रेजेंटेशन दी गई है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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याचिका में कहा गया कि कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन के चलते यह भ्रम फैलाया जा रहा है कि कंपनी कॉरपोरेट या कॉन्ट्रैक्ट खेती के क्षेत्र में दाखिल होने जा रही है. जब कंपनी की ऐसी कोई योजना नहीं है कुछ शरारती तत्व जानबूझकर ये भ्रम फैला रही है कि कंपनी किसानों के हित में नहीं है. यह उनके काम करने के अधिकार में अनुचित दखल है. ऐसे में केंद्र व पंजाब सरकार को निर्देश दिए जाए कि कंपनी और उसके कर्मचारियों की जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
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