चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Manohar lal) ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में अनुसूचित जातियां/अनुसूचित जनजातियां (अत्याचार निवारण) नियम,1995 के अधीन गठित राज्य स्तरीय विजिलेंस और मॉनिटरिंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी (outsourcing policy) के तहत की जाने वाली भर्ती में अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया जाए और समय-समय पर इसकी उचित निगरानी भी की जाए.
हर जिले के लिए जारी किए जाएंगे 50 लाख रुपये
वहीं अनुसूचित जाति के लोगों के साथ किसी तरह की उत्पीड़न संबंधी घटना होने पर पीड़ित परिवार को समय पर आर्थिक सहायता मुहैया करवाने के लिए हर जिले को 50 लाख रुपये जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. सीएम ने कहा कि ये सहायता राशि पीड़ित परिवार की सहायता के लिए है ताकि उनके अधिकार को न छीना जाए और उन्हें दबाया न जाए. सीएम ने कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न के मामले में दी जाने वाली सहायता राशि बिना किसी देरी के जारी की जानी चाहिए.
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सीएम मनोहर लाल ने अधिकारियों को आदेश देते हुए कहा कि लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए अनुसूचित जाति की बस्तियों में प्राइम लोकेशन पर होर्डिंग लगाए जाएं. इसके अलावा, प्रचार के अन्य माध्यमों से भी जानकारी दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में आउटसोर्स के तहत होने वाली भर्तियों में अनुसूचित जाति के लोगों का हक नहीं दबना चाहिए.
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मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि अनुसूचित जाति के लोगों को उनके अधिकारों की जानकारी देने के मकसद से हर सांसद व विधायक अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में समय-समय पर सेमिनार करवाना सुनिश्चित करें. उन्होंने कहा कि प्रदेश के कुछ खास क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के लोगों के खिलाफ होने वाले उत्पीड़न के मामलों के पीछे के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए.