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हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, किलोमीटर स्कीम के तहत बसों का टेंडर नहीं होगा रद्द

हरियाणा परिवहन विभाग में 510 बसों के लिए किए गए पुराने टेंडरों को अब कंसीडर किया जाएगा. बस ऑपरेटरों के हाईकोर्ट में जाने के बाद सरकार ने लिया फैसला.

हरियाणा परिवहन विभाग में बसों के पुराने टेंडर को किया जाएगा कंसीडर, सरकार ने लिया फैसला
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Published : Sep 10, 2019, 8:40 PM IST

चंडीगढ: हरियाणा परिवहन विभाग में शुरू की गई प्राइवेट बसें किराए पर हायर करने की किलोमीटर स्कीम अब रद्द नहीं की जाएगी. 510 बसों के लिए किए गए पुराने टेंडरों को ही अब कंसीडर किया जाएगा. यह फैसला बस ऑपरेटरों द्वारा हाईकोर्ट में जाने के बाद हरियाणा सरकार ने लिया है. इस मामले में सरकार द्वारा टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले के बाद हाईकोर्ट में ऑपरेटरों द्वारा चुनौती दी गई थी.

मामले को लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि 700 बसें जिनको हरियाणा सरकार अपने परिवहन के बेड़े में शामिल करना चाहती थी. उनमें से 510 बसों का टेंडर कैंसिल कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि कुछ विवाद होने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की विजिलेंस जांच करवाई थी. प्रदेश की जनता को सुविधाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से अब यह फैसला लिया गया है कि इन बसों के पुराने टेंडरों को ही अमल में लाया जाए. इसके लिए जो विजिलेंस विभाग में इंक्वायरी चल रही है वह पूरी होने तक इसी तरह पुराने टेंडर पर ही बसें हायर जाएंगी.

हरियाणा परिवहन विभाग में बसों के पुराने टेंडर को किया जाएगा कंसीडर, सरकार ने लिया फैसला

कृष्णलाल पंवार ने कहा कि सरकार चाहती है कि जनता को सुविधाएं मिले इसलिए स्कीम पर दुबारा विचार करके इसे लागू करने पर सरकार काम कर रही है. हालांकि इस मामले में विजिलेंस की ओर से जांच रिपोर्ट आ भी चुकी है. जिसमें कई अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया था. विभाग ने रोडवेज के बेड़े में 700 बसें शामिल करने का फैसला लिया था. जिसमें 510 बसों के लिए अलग टेंडर कॉल किया था.

रोडवेज के बेड़े में शामिल की जाने वाली 510 बसें निजी ऑपरेटरों की होंगी. इसमें ड्राइवर बस मालिक का होगा और कंडक्टर परिवहन विभाग का. इस सब के बाद टेंडरों को लेकर कुछ और नियम सामने आए थे. जिस पर सरकार और विभाग ने खुद विजिलेंस जांच करवाते हुए एफआइआर भी दर्ज करवाया था.

ये भी पढ़ें: कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

चंडीगढ: हरियाणा परिवहन विभाग में शुरू की गई प्राइवेट बसें किराए पर हायर करने की किलोमीटर स्कीम अब रद्द नहीं की जाएगी. 510 बसों के लिए किए गए पुराने टेंडरों को ही अब कंसीडर किया जाएगा. यह फैसला बस ऑपरेटरों द्वारा हाईकोर्ट में जाने के बाद हरियाणा सरकार ने लिया है. इस मामले में सरकार द्वारा टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले के बाद हाईकोर्ट में ऑपरेटरों द्वारा चुनौती दी गई थी.

मामले को लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि 700 बसें जिनको हरियाणा सरकार अपने परिवहन के बेड़े में शामिल करना चाहती थी. उनमें से 510 बसों का टेंडर कैंसिल कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि कुछ विवाद होने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की विजिलेंस जांच करवाई थी. प्रदेश की जनता को सुविधाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से अब यह फैसला लिया गया है कि इन बसों के पुराने टेंडरों को ही अमल में लाया जाए. इसके लिए जो विजिलेंस विभाग में इंक्वायरी चल रही है वह पूरी होने तक इसी तरह पुराने टेंडर पर ही बसें हायर जाएंगी.

हरियाणा परिवहन विभाग में बसों के पुराने टेंडर को किया जाएगा कंसीडर, सरकार ने लिया फैसला

कृष्णलाल पंवार ने कहा कि सरकार चाहती है कि जनता को सुविधाएं मिले इसलिए स्कीम पर दुबारा विचार करके इसे लागू करने पर सरकार काम कर रही है. हालांकि इस मामले में विजिलेंस की ओर से जांच रिपोर्ट आ भी चुकी है. जिसमें कई अधिकारियों और कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया था. विभाग ने रोडवेज के बेड़े में 700 बसें शामिल करने का फैसला लिया था. जिसमें 510 बसों के लिए अलग टेंडर कॉल किया था.

रोडवेज के बेड़े में शामिल की जाने वाली 510 बसें निजी ऑपरेटरों की होंगी. इसमें ड्राइवर बस मालिक का होगा और कंडक्टर परिवहन विभाग का. इस सब के बाद टेंडरों को लेकर कुछ और नियम सामने आए थे. जिस पर सरकार और विभाग ने खुद विजिलेंस जांच करवाते हुए एफआइआर भी दर्ज करवाया था.

ये भी पढ़ें: कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

Intro:चंडीगढ, हरियाणा के परिवहन विभाग में शुरू की गई प्राइवेट बसें किराए पर हाय करने की किलोमीटर स्कीम अब रद्द नहीं की जाएगी 510 बसों के लिए किए गए पुराने टेंडरों को ही अब कंसीडर किया जाएगा यह फैसला बस ऑपरेटरों द्वारा हाई कोर्ट में ले जाने के बाद हरियाणा सरकार ने लिया है इस मामले को सरकार द्वारा टेंडर प्रक्रिया को रद्द करने के फैसले के बाद हाईकोर्ट में ऑपरेटरों द्वारा चुनौती दी गई थी

मामले को लेकर प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने बताया कि 700 बसें जिनको हरियाणा सरकार अपने परिवहन के बेड़े में शामिल करना चाहती थी उनमें से 510 बसों का टेंडर कैंसिल कर दिया गया था उन्होंने कहा कि कुछ विवाद होने के बाद मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए पूरे मामले की विजिलेंस इंक्वारी करवाई थी । प्रदेश की जनता को सुविधाएं मुहैया करवाने के उद्देश्य से अब यह फैसला लिया गया है की इन पशुओं के पुराने टेंडरों को ही अमल में लाया जाए इसके लिए जो विजिलेंस विभाग में इंक्वायरी चल रही है वह पूरी होने तक इसी तरह चलती रहेगी पवार ने कहा कि सरकार चाहती है कि जनता को सुविधाएं मिले इसलिए स्कीम पर पुन विचार करके इसे लागू करने पर सरकार काम कर रही है।


Body:हालांकि इस मामले में विजिलेंस की ओर से जांच रिपोर्ट आ भी चुकी है जिसमें कई अधिकारियों व कर्मचारियों को दोषी ठहराया गया था और इस रिपोर्ट के आने के बाद इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियों ने सरकार को खूब कोसा भी था ।

यह था मामला

विभाग ने रोडवेज के बेड़े में 700 बसें शामिल करने का फैसला लिया था जिसमें 510 बसों के लिए अलग टेंडर कॉल किया था जोकि बस ट्रांसपोर्टरों द्वारा चलाई जानी थी इसमें ड्राइवर को बस ट्रांसपोर्टर दोबारा दी जानी थी तो वही कंडक्टर परिवहन विभाग का नियुक्त किया जाना था । इस सब के बाद टेंडरों को लेकर कुछ और नियम बताएं सामने आई थी जिस पर सरकार और विभाग ने खुद विजिलेंस जांच करवाते हुए एफआइआर भी दर्ज करवाई थी ।


Conclusion:
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