चंडीगढ़: सूखे पेड़ की टहनी के गिरने से 70 प्रतिशत विकलांग हुई काजल को 15-60 लाख के बीच मुआवजा देने के सिंगल बेंच के आदेश को चुनौती देना प्रशासन को भारी पड़ गया. हाईकोर्ट ने प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि 20 साल की लड़की की जिंदगी बर्बाद हो गई और आप मुआवजा देने की जिम्मदारी से भाग रहे हो. हाई कोर्ट ने कहा कि इस फालतू याचिका के लिए प्रशासन पर 2 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा. हालांकि सीनियर स्टैंडिंग काउंसिल पंकज जैन के निवेदन पर हाईकोर्ट ने जुर्माना लगाने का आदेश फिलहाल नहीं लिखा है.
'प्रशासन की लापरवाही के चलते हुई थी घटना'
बता दें कि चंडीगढ़ प्रशासन की लापरवाही के चलते सैक्टर 17 में एक सूखा हुआ पेड़ समय पर नहीं काटा गया. जिसकी वजह से 15 सितम्बर 2013 को काजल नाम की एक 20 वर्षीय लड़की पर इसकी टहनी गिरी और लड़की गंभीर तौर पर घायल हो गई थी. बाद में उस के एक पैर पर हुए गहरे जख्म के चलते उसे अपना एक पैर गवाना पड़ा था.
'हाई कोर्ट ने चंडीगढ़ प्रशासन को लगाई फटकार'
हाईकोर्ट ने प्रशासन को फटकार लगाते हुए कहा कि हर रोज ऐसी आधारहीन याचिकाओं की लाईन लगी रहती हैं और इससे कोर्ट का किमती समय बर्बाद होता है. कोर्ट ने कहा कि इस प्रकार के मामलों में तो प्रशासन को उदार होना चाहिए और खुद आगे आकर कहना चाहिए था कि हम मुआवजा देंगे.
इसकी बजाय मुआवजा देने की जिम्मेदारी से भागते हुए यह आधारहीन याचिका दाखिल कर दी गई. कोर्ट ने कहा कि अब प्रशासन यह समझ ले कि यदि इस प्रकार की याचिकाएं दाखिल की गई तो उन्हें जुर्माने के लिए तैयार रहना होगा.