चंडीगढ़: एसवाईएल के मुद्दे पर शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच चंडीगढ़ में अहम बैठक (haryana punjab cm meeting on syl) हुई. चंडीगढ़ स्थित हरियाणा निवास में हुई दोनों मुख्यमंत्रियों के बीच ये बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि एसवाईएल का विवाद दोनों प्रदेशों के बीच 1981 से बना हुआ है.
उन्होंने कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में गया. सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाया था. इस फैसले को लागू करने के लिए 4 महीने में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों राज्यों को एक मौका दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 6 सितम्बर में 4 महीने के अंदर हल निकालने के लिए बैठक बुलाई थी. इसी मुद्दे पर आज बैठक की गई. आज की बैठक में कोई सहमति नहीं बनी है. हमने अपना पक्ष रखा, लेकिन पंजाब इस पर सहमत नहीं हुआ.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अब हम इस बैठक की जानकारी सुप्रीम कोर्ट और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत को देंगे. बता दें कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. सुप्रीम कोर्ट की तरफ से केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को आदेश दिए गए हैं कि वो इस मामले में पहल कर जल्द कोई रास्ता निकाले. इस मामले में अगले साल 19 जनवरी में सुनवाई होनी है.
इस सुनवाई में केंद्र सरकार को पूरे मामले पर अपना पक्ष रखना है. वहीं दोनों राज्यों को भी अपना जवाब दाखिल करना है. बता दें कि सतलुज यमुना लिंक नहर (Sutlej Yamuna Link Canal ) के मुद्दे को लेकर पंजाब और हरियाणा करीब चार दशक से आमने-सामने हैं. इन चार दशकों में इस मामले को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनाव भी बना रहा. इसके साथ ही यह मामला कानून के दरवाजे तक भी पहुंचा.
सुप्रीम कोर्ट ने एसवाईएल मामले में हरियाणा का पक्ष लिया और पंजाब को इस नहर को बनाने के निर्देश दिए थे. बावजूद इसके एसवाईएल नहर मामले का कोई हल नहीं निकल पाया. दरअसल, एसवाईएल नहर मामले में केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में बताया गया था कि पंजाब की ओर से इस मामले में सहयोग नहीं किया जा रहा है. जिसके बाद कोर्ट ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्री की इस मुद्दे को लेकर बैठक करने के निर्देश दिए थे.