चंडीगढ़ः आयुष्मान भारत योजना के हरियाणा में सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं. इस योजना के तहत लगभग डेढ़ साल के दौरान प्रदेश के 90 हजार से अधिक लोगों का उपचार किया जा चुका है. राज्य सरकार ने इस पर करीब 95 करोड़ रुपये खर्च किया है.
हरियाणा सब से जल्दी करता है भुगतान
मरीजों के उपचार के दौरान राज्य सरकार अस्पतालों के बिलों की अदायगी मात्र 3 से 5 दिनों में कर रही है. इस कारण से बकाया बिलों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम है. इसके लिए केंद्र सरकार ने हरियाणा को देश में सबसे पहले बिलों की अदायगी करने वाले प्रदेश के तौर पर पुरस्कृत भी किया है.
हरियाणा में 15.50 लाख परिवार लाभार्थी
राज्य में इस योजना के करीब 15.50 लाख परिवार लाभार्थी हैं. जिसमें से करीब 18.72 लाख लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं. इन सभी कार्ड को शत-प्रतिशत आधार कार्ड से लिंक किया गया है. राज्य के लोगों की सुविधा के लिए हरियाणा के सभी लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनवाए जाएंगे.
इसके तहत 31 मार्च 2020 तक प्रदेश के करीब 25 लाख लाभार्थियों के कार्ड बनेंगे. इसके लिए राज्य भर में विशेष अभियान चलाया जा रहा है. जिसमें आशा वर्कर की सहायता ली जा रही है और उन्हें प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.
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गुणवत्ता के आधार पर अस्पतालों को रखा जाता है पैनल पर
भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की सहायता से अस्पतालों की गुणवत्ता निर्धारण किया जाता है और इसके लिए अस्पतालों को प्रमाण पत्र भी जारी किया जाता है. इसमें मरीजों की सुविधा और उपचार की आधुनिकता के पैमाने को शामिल किया जाता है. इस परिषद से देश के 73 अस्पतालों को गुणवत्ता प्रमाण पत्र दिया गया है. जिसमें से 45 अस्पताल हरियाणा से संबंधित है.
इस योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को देश की सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों में उपचार की सुविधा प्रदान करवाने में हरियाणा देश में पहले स्थान पर है. देश के करीब 21000 से अधिक सरकारी और निजी अस्पताल आयुष्मान भारत योजना के पैनल पर है. इसमें से 526 सरकारी और निजी अस्पताल हरियाणा सरकार के पैनल पर है. इसके अलावा और अस्पताल भी पैनल की लाइन में लगे हैं.
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