चंडीगढ़: हरियाणा के गृह और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज लंबे वक्त से स्वास्थ्य विभाग की फाइलें नहीं देख रहे हैं. बताया जा रहा कि अनिल विज इस बात से नाराज हैं कि उनके विभाग की बैठक सीएमओ के अधिकारी ने क्यों ली. बताया जा रहा है कि 5 अक्टूबर से हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग का कोई वारिस नहीं है. करीब दो महीने से स्वास्थ्य विभाग की सभी फाइलें अटकी पड़ी हैं.अब ये मुद्दा विधानसभा में उठाने की तैयारी विपक्ष कर रहा है. इससे 15 दिसंबर से शुरू होने वाला हरियाणा विधानसभा का सत्र हंगामेदार होने की संभावना है.
वहीं विपक्ष इस मामले में लगातार सरकार को घेर रहा है. 15 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि विपक्ष के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का जवाब सत्ता पक्ष की तरफ से कौन देगा. क्या स्वास्थ्य मंत्री इसको लेकर सदन में जवाब देंगे? सूत्र बताते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सवालों का सदन में कोई जवाब नहीं देंगे.
सवाल ये भी है कि क्या इस मुद्दे का समाधान विधानसभा सत्र के शुरू होने से पहले हो जायेगा. इस मामले को लेकर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल पहले ही कह चुके हैं कि मामला उनके संज्ञान में है. इसका समाधान जल्द ही जाएगा. इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कह चुके हैं कि वे इस पर जल्द फैसला करेंगे. विज को इस बात का यकीन है कि जल्द मामले को सुलझा लिया जाएगा.
इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां सरकार को घेर रही हैं. हरियाणा नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि वो इस मुद्दे को विधानसभा के शीतकालीन सत्र में उठाएंगे. हुड्डा ने का कहा है कि स्वास्थ्य विभाग से जुड़े मुद्दों पर सरकार को सदन में जवाब देना होगा. इधर आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा पहले ही कह चुके हैं कि ये सरकार पूरी तरह पैरालाइज हो चुकी है. सभी विभागों में हजारों फाइलें अटकी पड़ी हैं. अनिल विज से ना स्वास्थ्य विभाग संभल रहा है, ना ही गृह विभाग में उनकी चल रही है.
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